20वां जश्ने उर्स: उर्स कमेटी की हुई बैठक, सर्वसम्मति से पुनः सलीम शेख बनाए गए सदर, अमजद लाला बने उपसदर …

शहंशाहे पेटलावद हज़रत ओढ़ी वाले बाबा के उर्स का 1 जून से होगा आगाज ...

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पेटलावद। सर्वधर्म, अमन-चैन और कोमी एकता का प्रतीक शहंशाहे पेटलावद हजरत ओढ़ी वाले दाता रे.अ. (दादाजी) के सालाना उर्स का आगाज 1 जून से होगा। इस दौरान हजरत के आस्ताने पर जायरिन अपनी मन्नतो को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में इकठ्ठे होंगे। सालना उर्स को लेकर एक बैठक का आयोजन अंजुमन कमेटी सहित समाजजनो द्वारा रखा गया जिसमें सर्वसहमति से पुनः सलीम शेख उर्फ भय्यू शेख़ को सदर नियुक्त किया गया।

इसके बाद सदर सलीम शेख़ ने अमजद लाला पठान को उपसदर बनाया। इसके साथ ही सेकेट्री के पद को भी यथावत रखा गया, जो जिम्मेवारी सलमान शेख को दी गई है। अंजुमन कमेटी सदर जावेद लोदी और अन्य पदाधिकारियों और समाजजनों ने इन नामों पर मुहर लगाई और मुबारकबाद दी। इस बार उर्स कमेटी का नाम भी सभी की सहमति से सर्व समाज उर्स कमेटी रखा गया। जो अनूठी पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वहीं जो पुराने कार्यकर्ता कमेटी का हिस्सा थे वो भी सदर ने इस बार भी यथावत रखे है।
मुस्लिम समाज से ज्यादा आते हैं अन्य धर्म के जायरीन:
पंपावती नदी के किनारे स्थित दरगाह न केवल मुस्लिम समुदाय बल्कि अन्य धर्म के लोगों के लिए भी आस्था और शांति-सोहार्द्र का केंद्र माना जाता है। यहां होने वाले उर्स में कई राज्यों से भी श्रद्धालु अपनी मन्नते लेकर आते हैं। उर्स 3 जून तक चलेगा। तीन दिनों तक विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। रात में कव्वाली की महफिल सजेगी। इसमें मध्यप्रदेश और राजस्थान की कव्वाल पार्टियां हजरत की शान में कलाम पेश करेंगी।
पूरी होती हैं जायज तमन्ना:
हजरत ओढ़ी वाले दाता की दरगाह करीब 321 साल पुरानी प्राचीन बताई गई है। उनका मजार कदीमी होकर हर जाति व धर्म को मानने वाले यहां अपनी जायज तमन्नाओं को लेकर आते है और मुराद पूरी होने पर अकीदत के फूल चढ़ाते हैं। हजरत के उर्स की महफिल की रौनक बढ़ाने के लिए कई बुजुर्ग और सूफी-संत यहां तशरीफ ला रहे हैं। बाबा के आस्ताने का नूरानी और चिश्ती स्वरूप हर किसी का भी ध्यान अपनी ओर खींच लेता है। हजरत ओढ़ी वाले बाबा के मजार पर विगत 19 वर्षो से उर्स का प्रोग्राम किया जा रहा हैं। इस बार बाबा का उर्स शनोशोकत से मनाया जाएगा।
उर्स की तैयारियां हुई शुरू:
उर्स कमेटी के सदर सलीम शेख और उपसदर अमजद लाला ने संयुक्त रूप से बताया कमेटी के सदस्यों द्वारा उर्स के लिए तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है। दरगाह पर आकर्षक रोशनी की जाएगी। जायरिनों के लिए पानी की व्यवस्था अलग से रहेगी। उर्स में साउंड पेटलावद और रतलाम के कलाकारो द्वारा लगाया जाएगा। वहीं टेंट की सम्पूर्ण व्यवस्था इंडिया टेंट हाउस द्वारा की जाएगी। सर्व समाज उर्स कमेटी ने उर्स में अधिक से अधिक संख्या में सहभागिता करने का आह्वान किया है।
यह होगा आस्ताने औलिया पर:
1 जून: सुबह 8 बजे आस्ताने औलिया पर कुरआन ख्वानी होगी। शाम को असर की नमाज के बाद गैबनशाह वली दाता (हुसैनी चौक) के आस्ताने से चादर शरीफ का जुलूस निकलेगा। जुलूस नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए आस्ताने औलिया पर पहुंचेगा। जहां चादर पेश की जाएगी। रात 8 बजे बाद दरगाह में तकरीर का आयोजन होगा।
2 जून: रात 8 बजे बाद शुरू होने वाले महफिले सिमां कार्यक्रम में देश के प्रसिद्ध कव्वाल सदाकत साबरी कपासन (राजस्थान) और जावेद सरफराज चिश्ती (रतलाम) कव्वाल पार्टियां प्रस्तुति देगी।
3 जून: सुबह 9 बजे महफिले रंग व कुल की फातेहा होगी। दोपहर बाद लंगर (विशाल शुद्ध शाकाहारी भंडारे) का आयोजन किया जाएगा।