भव्य अन्नपूर्णा कलश यात्रा के साथ भागवत कथा का शुभारंभ

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08pet-07g 08pet-05eझाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
भव्य अन्नपूर्णा कलश यात्रा का शुभारंभ 9 बजे स्थानीय शंकर मंदिर से प्रारंभ हुआ, जिसमें लगभग 2100 महिलाएं कलश ले कर चली रही है। इसके साथ ही हजारों श्रद्धालु साथ में चल रहे थे। मुख्य यजमान भागवत लिए चल रहे थे तो एक सुसज्जीत बग्गी के अंदर भगवान राधा कृष्ण की विशाल प्रतिमा रखी हुई थी। एक वाहन में ब्राम्हण वेद मंत्रों का पाठ करते हुए चल रहे थे। वहीं बैंडबाजों की धुन पर युवा धिरकते हुए प्रभु भजनों पर नाचते हुए चल रहे थे।
श्रद्धाजंलि चौक पहुंची शोभायात्रा-
विशाल जन समूह के साथ शंकर मंदिर से प्रारंभ हुई शोभायात्रा श्रद्धांजलि चौक पहुंची जहां मृत आत्माओं को श्रद्धांजलि देने के साथ ही शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्गो से होती हुई कथा स्थल पर पहुंची शोभायात्रा का अनेक स्थानों पर भव्य स्वागत किया गया। हर स्थान पर श्रद्धालुओं ने स्वागत किया। यात्रा में मुख्य यजमान भगवती प्रसाद जायसवाल अपने सिर पर भागवत कथा लिए चल रहे थे, जिनका पूरे मार्ग में श्रद्धालुओं द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। अन्नपूर्णा कलश यात्रा नगर भ्रमण के पश्चात कथा स्थल पर पहुंची जहां अन्नपूर्णा कलश यात्रा में आए हजारों श्रद्धालुओं ने भागवत कथा का लाभ लिया। कलश यात्रा के साथ ही सात दिवसीय कथा का शुभारंभ हुआ।
मेरी नया पडी मझदार उस पार लगा देना प्रभु
सत चित आनंद है भागवत कथा आत्माओं की शांति के लिए कलियुग में भागवत कथा के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। यह भागवत कथा हम 12 सितंबर के हादसे मृत आत्माओं की शांति के लिए कर रहे है। गीता के माध्यम से हम उन आत्माओं को पैरोल पर बुला कर,भागवत कथा सुना कर मोक्ष प्रदान करवाने का प्रयास करेंगे। भागवत ग्रंथ में भी बताया गया है कि किस प्रकार दुंदकारी को गोकर्ण की सलाह पर भागवत कथा का वाचन करवा कर मुक्त करवाया गया था. इस भागवत कथा उद्ेश्य 12 सितंबर के हादसे में मृतआत्माओं को मुक्ति दिलाना है, जिसके लिए यह एक माध्यम है। यह एक अनुष्ठान है। मालवा माटी के परम संत पं. कमलकिशोरजी नागर ने भागवत कथा के प्रथम दिन उक्त उद्गार दिए।