नगर परिषद की दुकाने पर मांस विक्रय शिफ्ट करने की मांग

May

झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
गत दिनों पेटलावद में नवीन सब्जी मंडी बनाए जाने हेतु भूमिआवंटन की मांग को लेकर प्रशासनिक और सामाजिक माहौल काफी गर्म रहा है और पूर्व से बनी हुई सब्जी मंडी को लेकर स्थानीय प्रशासन संदेह के घेरे में है।
सब्जी मंडी का निर्माण पर सड़क पर दुकाने
नगर में सब्जी मंडी के लिए तहसील के सामने की दुकानों के पीछे दुकानें बनाई गई है. इसे लगभग 7 वर्ष का समय बीत चुका है किन्तु यहां सब्जी मंडी लग ही नहीं रही है और सब्जी सहित फल विक्रय की दुकानें मुख्य मार्गों पर जहां तहां लग रही है, इससे मुख्य मार्ग का यातायात बुरी तरह प्रभावित होता है। कुछ सब्जी विक्रेताओं को नगर परिषद मार्ग पर बैठाया गया, फिर भी सैकडों दुकानें मुख्य मार्ग पर ही लग रही है, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है।
मांस मटन की दुकानों बनी
मुख्य मार्गों और रहवासी बेत्रों में मांस मटन की दुकाने लग रही है, यहीं पर मछली विक्रय भी खुलेआम किया जाता है। इस पर रोक लगाने के लिए व्यापारियों,जनप्रतिनिधियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने समय समय पर आवाज उठाई है। नगर परिषद ने पंपावती नदी के किनारे मांस मटन की दुकाने भी बना दी लगभग 1 वर्ष से अधिक समय बीत चुका है किन्तु उसका उपयोग नहीं हो रहा है। आखिर खुले आम मांस मटन की दुकानें लगा कर विक्रय करने वालों को नगर परिषद रोक नहीं पा रही है। नगर के राम मोहल्ले में स्थित तेजाजी मंदिर के आसपास ही मांस मटन की दुकाने संचालित हो रही है. किन्तु फिर भी प्रशासन आंख मूदें बैठा है। आखिर मांस मटन की दुकानों का निर्माण क्यों किया गया? राजापुरा स्थित तेजाजी मंदिर पर प्रतिवर्षानुसार 9 दिवसीय नवरात्री उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. जिस स्थान पर गरबा मंडल के द्वारा गरबा किया जाएगा। उसी स्थान के आसपास मांस विक्रेताओं के द्वारा खुले आम मांस का विक्रय किया जा रहा है। बुधवार शाम को स्थानीय थाना प्रांगण में आयोजित शांति समिति की बैठक में भी इस मुद्दे को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के सामने समस्या रखी गई थी।
नगर परिषद के द्वारा चर्चा के दौरान बताया कि अधिकांश मांस विक्रेताओं के पास लाइसेंस नहीं है। इस स्थिति में किस आधार पर खुले आम मांस विक्रय हो रहा है। वहीं सब्जी मंडी के साथ ही मांस विक्रेताओं के लिए नगर परिषद के द्वारा दुकाने बना रखी है, जिन पर लोगों ने जबरन अतिक्रमण कर रखा है, जो की प्रशासनिक लापरवाही का सबसे बडा उदाहरण है।