ग्रामों में गुणवत्ताविहीन शौचालयों के निर्माण से उपयोगिता पर लगे प्रश्नचिन्ह, जिम्मेदार उदासीन

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हरीश राठौड़, पेटलावद
खुले में शौच मुक्त भारत बनाने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में चलाई जा रही है जिससे कई पिछड़े क्षेत्र मुख्य धारा से जुडक़र खुले में शौच से मुक्त हुए है और कई ग्रामीण इलाकों में लगातार इस योजना पर काम करते हुए घर घर शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही उनके उपयोग हेतु जागरूकता लाई जा रही है, लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे भी है जहा के भ्रष्ट अधिकारी इस योजना को अपनी जेब भरने के लिए पलीता लगाते हुए नजर आ रहे है। कुछ इस प्रकार का मामला पेटलावाद जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले कुछ क्षेत्रों में देखा जा सकता है, जहां शौचालय तो बनाऐ जा रहे है लेकिन उन्हें भारी भ्रष्टाचार करते हुए निर्माण किया जा रहा है। शौचालय में जहां 2 सेफ्टी टैंक बनाए जाना है और वे भी मिट्टी की ईंटो से उन्हें एक टैंक और सीमेंट की ईंटों से बनाया जा रहा है जो कि नियमानुसार न होकर भ्रष्ट अधिकारियों के इशारे पर किया जा रहा है। भ्रष्टों की इन करतूतों से ग्रामीण अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं।
बिना चेम्बर का एक गड्ढे का बना शौचालय-
बिना चेम्बर और एक गड्ढे वाले छोटे छोटे शौचालय बना कर केवल रस्म अदायगी की जा रही है। अब निर्माण होने के बाद इन शौचालयों की उपयोगिता पर भी प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है तो ऐसे में शासन की रुपए खर्च करने के बावजूद यह योजना धरातल पर फिसड्डी साबित हो रही है। तकनीकी खामियों के चलते गुणवत्ताविहीन बने ग्रामों में यह शौचालय भ्रष्टाचार करने और कमीशन खोरी के चक्कर मे अधिकारी इस प्रकार के कामों मे अपनी मोन स्वीकृति दे रहे है जो कि हितग्राही के साथ छलावा है और शासन का रुपए की जमीनी स्तर पर जमकर बंदरबांट हो रही है जिसे देखने वाला कोई भी नहीं है।