इमाम अब्दुल खालिक समाजजनों से कहा कि अल्लाह दूसरे अशरे में रोजेदारो के गुनाह करेगा माफ

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
शुक्रवार को दोपहर 12.45 बजे जुमा की अजान हुई। सभी रोजेदार अपने काम-काज छोडक़र मस्जिद में पहुंच गए। अजान के बाद सुन्नत अदा की। इस दौरान जामा मस्जिद के इमाम अब्दुल खालिक साहब ने रजमान माह की अहमियत पर अपने नूरानी बयान पेश किए।
इमाम साहब ने कहा रमजान शरीफ के पाक महीने में तीन असरे हैं। पहला रहमत, दूसरा मगफिरत और तीसरा आग से भुलासी का हैं। रमजान माह तीन अशरों के कारण अलग अहमियत रखता है। पहले दस दिन अगाह अपने रोजेदार बंदों पर रहमतों की बारिश करता है। अब तो दूसरा अशरा चल रहा है उसमें रोजेदारों के गुनाह माफ करना है जबकि तीसरा अशरा मगफिरत यानी दोजख की आग से निजात पाने का है। अपने मुस्लिम भाइयों की मुश्किल में मदद कर नेकी केकार्य करें। माह रमजान के बाकि दिन जो शेष बचे हैं, उनमें पूरी शिद्दत के साथ इबादत कर अपने रब को मनाने का काम करे ताकि हमारी आखिरत संवर सके। आपने आगे कहा रमजान के पूरे माह रोजे का एहतमाम करे अगर कोई रोजना नही रखे हैं, तो उसे बुरा न समझे बल्कि उसके रोजा न रखने के उस फैसले को बुरा समझे। यदि तुम ऐसा करोगे तो बुराई हसद, कीना कपट से तुम्हारा दिल साफ हो जाएगा। इसी में कामयाबी हैं।
आसपास के इलाको से भी पहुंचे नमाजी-
रमजान के दूसरे जुमे को काफी तादाद में शहर सहित आसपास केबाहरी इलाको से लोग शहर की जामा मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करने पहुंचे। जिसमें सारंगी, करवड़, रायपुरिया, झकनावदा, बोलासा, बामनिया, थांदला, झाबुआ, बदनावर, रतलाम आदि जगह के लोग शामिल हुए।

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