आत्म कल्याण की भावना के साथ समाज और राष्ट्र के उत्थान का रखें लक्ष्य : मुनि पृथ्वीराज

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IMG-20160714-WA0007 झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
सफल चार्तुमास के लिए चिंतन के सम्यक् बनाए। लक्ष्य का निर्धारण कर संकल्प शक्ति को सुदृढ बनाए। दायित्व बोध को समझकर सोच को सकारात्मक रखे। आत्म कल्याण की भावना के साथ समाज ओर राष्ट्र के उत्थान का लक्ष्य रखे। यदि ऐसा होता हैं तो निश्चित ही चार्तुमास सफल व सफलतम होगा। स्वयं आचार्यश्री महाश्रमणजी मानव जाति के कल्याणार्थ सुदूर असम प्रांत में अहिंसा के माध्यम यात्रा कर रहे हैं। आप ओर हम कोई भी काम करें नाम के लिए अपितु सेवा भावना से करें। यह विचार आचार्य महाश्रमण के सुशिष्य मुनिश्री पृथ्वीराज ने चार्तुमास प्रवेश पर तेरापंथ भवन डालिम कुंज में स्वागत समारोह में धर्मसभा के मध्य कहे। मुनिश्री चेतन्य कुमार अमन ने कहा स्वागत व्यक्ति का नही त्याग तप का होता हैं। वस्तुत: यह स्वागत भारतीय ऋषि परम्परा, तेरापंथ आचार्य परम्परा, संत परम्परा का स्वागत हैं। त्यागी संतों का स्वागत तो जबान से जीवन में त्याग से करना होता हैं। जिज्ञासु, विनम्र ओर विवेक को प्रशस्त बनाए तथा अपनी दिशा को बदलोंगे तो जीवन की दशा तो अपने आप बदल जाएगी। जीवन में हावी नही प्रभावी बनकर ही प्राप्ति हो सकेगी। मुनिश्री अतुलकुमार ने कहा चार्तुमास का समय जागने व जगाने का समय हैं अपने अज्ञान व मोह की निंद्रा से मुक्त बनने का प्रयास करें। विधायक निर्मला भूरिया ने कहा आज मेरा सौभाग्य हैं कि मुझे अपने क्षैत्र में ऐसे संतो कि स्वागत अभिनंदन करने का अवसर मिला। इस आदिवासी क्षेत्र के विकास में अध्यात्म का भी विकास हो। ऐसा प्रयत्न करना हैं तथा शिक्षा के क्षैत्र में एक नई अलख जगानी हैं।
जीवन विज्ञान के राष्ट्रीय प्रभारी इंदौर से संचालक सुरेश कोठारी, नपं अध्यक्ष संगीता विनोद भंडारी, डॉं एसके महाजन, डॉ केडी मंडलोई, समाजसेवी राजेंद्र कटकानी, डीपी परमार, वीरेंद्र व्यास, रितेश निमजा, आकाश चौहान, पारस गादिया, विशाल कोठारी, राजेश वोरा, पुष्पा पालरेचा ने भी संबोधित किया। आभार पंकज जे पटवा ने माना।
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