अरे ये क्या; ट्रैफिक सुधार में लगा दी महिला कांस्टेबलो की ड्यूटी, क्या..? ऐसे सम्भलेगी व्यवस्था

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सलमान शैख@ पेटलावद

नगर में ट्रैफिक को व्यस्थित रखने का जिम्मा जिनके कांधे पर है उनमें से कई पुलिसकर्मी बीमार जैसी स्थिति में काम कर रहे है। यह इसलिए कि ट्रैफिक सुधार में पुलिस जवानो के अलावा महिला कांस्टेबलो की ड्यूटी लगा दी गई, जो ट्रैफिक सुधार में अपनी कोई रूचि नही दिखा रही है।
दरअसल, झाबुआ पुलिस विभाग द्वारा दो से तीन महिला कांस्टेबलो को ट्रैफिक सुधार के लिए यहां भेजा गया है, लेकिन इन महिला कांस्टेबलो से भी यहां ट्रैफिक व्यस्था नही संभल पा रही है। इनके सामने अगर डिवायडर पर किसी ने अपनी बाइक खड़ी की या हाथठेला गरीब व्यवसायी ने अपना थेला जरा सा भी फूटपाथ से बाहर निकाला तो उन्हें तत्काल हटाया जा रहा है, यह अच्छी बात है, लेकिन जो बड़े वाहन चालक है उन पर यह मेहरबानी बरत रहे है। जिससे छोटे व्यवसायी में आक्रोश है।
ऐसे संभाल रहे व्यवस्था-
ये महिला कांस्टेबल अपनी ड्यूटी यहां खड़ी बाइको पर बैठकर संभाल रही है। शुक्रवार को ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला। एक चार पहिया वाहन चालक डिवायडर के बीचो-बीच अपना वाहन खड़ा कर मौज ले रहा था और उसके सामने ही दोनो महिला कांस्टेबल बाइक पर बैठी हुई थी, उन्होनें इस वाहन चालक को हटाना तो दूर कुछ कहने की भी जहमत नही उठाई। वहीं इसी स्थान पर एक बाइक सवार ने अपनी बाइक खड़ी कर दी तो उसकी बाइक तत्काल हटवा दी। यहां टै्रफिक का दबाव अधिक रहता है, इसलिए यहां पुलिस जवानो की तैनाती या ट्रैफिक पुलिसकर्मी की तैनाती होनी चाहिए, जिससे कि यहां बार-बार बिगड़ती व्यवस्था पर लगाम लग सके।
वाहनो से संकरी हो गई सडक़े, मैन पावर की कमी-
पुलिस ने नगर में कई दफा अभियान चलाया, लेकिन मैन पावर की कमी व्यवस्था दुरूस्त करने में आड़े आ रही है। कई चौराहो पर सडक़े वाहनो के खड़े होने से संकरी हो गई है। सडक़ो के दोनो किनारो पर कारो, बाइक को खड़ा कर व्यवस्था बिगाड़ी जा रही है। फूटपाथ पर दुकाने सजी है, सडक़ को लोगो ने पार्किंग बना लिया है।
स्थाई ट्रैफिक पुलिसकर्मी की हो नियुक्ति-
नगर के सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश व्यास, उत्तम भंडारी, ओम सोनी ने बताया नगर की यातायात व्यवस्था जब तक दुरूस्त नही हो सकती है तब तक एक स्थाई ट्रैफिक पुलिसकर्मी की यहां नियुक्ति नही हो। यह इसलिए कि अगर जिन पुलिसकर्मियो को अस्थाई रूप से ट्रैफिक सुधार में लगाया जाता है तो वह या तो इधर-उधर चाय की दुकानो में बैठे रहते है या फिर अपने पाइंट पर खड़े रहकर हसी-मजाक में पूरा दिन निकाल देते है। भले ही उनके सामने से नो-एंट्री में भारी वाहन निकले तो भी वह उसे रोकने की जहमत नही उठाते। ऐसे में नगर में तीन पाइंट गणेश चौक, पुराना बस स्टैंड और गांधी चौक चौराहा यहां ट्रैफिक पुलिस जवानो की नियुक्ति की जाए जिससे कि यहां रोजाना पल-पल में बिगड़ती यातायात व्यवस्था में सुधार आ सके।

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