पहले दिया मां को जीवन ओर अब अंगदान के लिऐ प्रेरित करने हेतु बनवाया टेटु

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-पहले उसने अपनी उस मां को जीवनदान दिया जिसने उसे जीवन दिया था..अपनी मां को अपनी किडनी डोनेड कर उसने अपनी मां की जान बचाई ओर अब अपने बाये हाथ पर उसने एक ऐसा टेटु बनवाकर यह संदेश दे रही है कि “अंगदान” कर लोगो का जीवन बचाया जा सकता है तो कहाँ है ऐसी शख्सीयत ओर क्या है उसके बारे मे अन्य जानकारीया देखिऐ हमारी इस खास पेशकश में..।

30 सैंकड मे कर लिया था फैसला

झाबुआ की “आयुषी दत्ता”…आयुषी की कहानी कोई साधारण कहानी नही है आज के युग मे जब कोई अपनो के लिऐ भी अंगदान को तैयार नही होता वही आयुषी ने अपनी मां को 15 अप्रेल 2013 को अपनी एक किडनी देकर अंगदान दिया..या कहे किडनी देकर जीवनदान दिया । आयुषी की माने तो उसने महज 30 सैंकड मे उसने अपनी मां को किडनी देने का फैसला ले लिया था । ओर इस फैसले के पीछे भी उसकी अपनी सोच थी ।

नैरो माइडेंड से नही करुगी शादी

मात्र तीस सैंकड मे अपनी मां को किडनी देने का फैसला करने वाली आयुषी दरअसल इंवेंट मैनेजमेंट का कोस॔ कर चुकी है ओर वर्तमान मे राज्य प्रशाशनिक सेवा की तैयारी मे जुटी है जब एक किडनी अपनी मां को डोनेट करने की बारी आई तो एक “सामाजिक” सवाल भी खडा था वह यह कि एक किडनी वाली लडकी से आखिर कोन शादी करेगा ? लेकिन आयुषी कहती है कि एक किडनी के सहारे भी वेवाहिक जीवन जिया जाता है ओर जो लोग ऐसी संकीण॔ सोच रखते है उनसे मै शादी ही नही करुगी..॥

टेटु बनवाकर दे रही है अंगदान का संदेश

-अपनी मां को अपनी एक किडनी देकर जीवनदान देने वाली “आयुषी दत्ता” सिर्फ किडनी डोनेट कर देने तक ही सीमित नही रही । अब आयुषी ने “अंगदान” के लिऐ लोगो को प्रेरित करने के लिऐ अपने बायें हाथ पर एक टेटु बनवाया है जिसमें उसने सेव लाइफ के साथ वह तारीख भी टेटु मे गुदवाई है जिस तारीख को उसने मां को किडनी डोनेट की थी अंगदान के लिऐ “टेटु” के जरिऐ जागरुकता बढाना अपने आप मे एक बडा काम है खासकर तब जब आजकल के युवा माड॔न टेटु बनाते है उस दोर मे आयुषी ने अंगदान के लिऐ प्रेरित करने वाला टेटु बनवाया । आयुषी का टेटु को लेकर मानना है कि यह नव वष॔ पर उसने अपनी खुशी से बनवाया है लेकिन इसे देखने के बाद 95% लोग  सकारात्मक भाव दर्शाते है ।

मां को भी अपनी बेटी पर नाज IMG-20150520-WA0233IMG-20150520-WA0230IMG-20150520-WA0232

-आयुषी द्वारा पहले अपनी मां को अपने भावी वैवाहिक जीवन की परवाह किये बिना जीवनदान दिये जाने ओर उसके बाद टेटु के जरिऐ समाज को अंगदान के लिऐ प्रेरित करने के तरीको से मां अनुराधा दत्ता भी अंचभित है लेकिन गर्व महसूस करती है मां अनुराधा कहती है कि उनकी बेटी ने उन्हें जीवन दिया ।मां टेटु बनवाने के आयुषी के फैसले से पहले खुश नही थी लेकिन बाद में अंगदान की प्रेरणा वाला यह टेटु उन्हें भी रास आ गया । उन्हें इस बात का भी संतोष है कि एक किडनी देने के बावजूद भी आयुषी से शादी करने के अच्छे रिश्ते आ रहे है

 

आयुषी दत्ता ने विगत दो साल मे अपने दो फैसलों से समाज ओर इलाके को बडे बडे संदेश दिये है संदेश बडे साफ है अंगदान के जरिऐ किसी का जीवन बचाया जा सकता है जीवन ओर परिवार मे खुशियाँ फिर से लोटाई जा सकती है । आयुषी के मां को किडनी देने ओर अंगदान के जरिए किसी की जिंदगी बचाने के लिऐ टेटु के जरिऐ संदेश के प्रयासो से आयुषी की सहेलिया भी काफी खुश है ओर इस बात पर गर्व करती है कि आयुषी उनकी दोस्त है ।

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