सलमान शैख़@ पेटलावद
मालवा-निमाड़ अंचल के प्रसिद्ध सूफी संत लाल बादशाह (बापू) हजारों चाहने वालों को छोड़कर विदा हो गए। शनिवार देर शाम उनके निधन से अनुयायियों में शोक की लहर है। रविवार को अंतिम दीदार के लिए रूनिजा गांव में हजारों अनुयायी उमड़े। उनकों यकीन नहीं हो रहा था कि थोड़े ही दिन पहले दातार अब्दुल्लाह शाह बियाबानी का उर्स मनाने वाले लाल बापू एेसे सभी को छोड़कर चले जाएंगे। अनुयायियों की आंखें बरस पड़ी। उनका जनाजा सुबह 11 बजे मदीना मस्जिद से निकला। यहां से निकले जनाजे को छूने और कांधा देने के लिए हजारों जायरीन पहुंचे। जनाजा करीब दो किमी दूर खानगाह ले गए। यहां विभिन्न रस्मों के बाद बाबा को सुपुर्देखाक किया गया।