भूपेंद्र बरमण्डलिया@मेघनगर
यदि आप अपने बच्चे को पढ़ा लिखा कर होनहार बनाने के लिए बाफना पब्लिक स्कूल की निजी बसों में स्कूल जाने के लिए भेज रहे हो तो जरा सावधान हो जाइए। इस स्कूल की बसों द्वारा इंदौर हादस की पुनरावृत्ति दोहराने का खेल चल रहा है जो कोई भी अभिभावक को कतही रास नहीं आएगा। सरकार स्कूल बसों के लिए कितने ही कानून बना ले लेकिन स्कूल बसों में ओवरलोडिंग के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं| मेघनगर बाफना स्कूल की स्थिति देखकर तो ऐसा ही लगता है कि यहां के निजी स्कूल बसों में ओवरलोडिंग करने के मामले में कानून व न्याय पालिका के डर को भूल चुका है|ताजा मामला मेघनगर की बाफना पब्लिक स्कूल का है जहां स्कूल लगने व छुट्टी होने पर स्कूल बसों में क्षमता से ज्यादा बच्चे बैठाया जा रहे हैं और बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड किया जा रहा है। बाफना पब्लिक स्कूल की बस क्रमांक mp 45 p 0238 जिसमे मात्र 42 लगभग बच्चो के बैठने की केपिसिटी जो ग्राम झायडा व मेघनगर के स्थानीय बच्चों को बस कैपिसिटी से ज्यादा लगभग 75 बच्चो को लेते हुए बाफना पब्लिक स्कूल सुबह पहुंचती उक्त बस के साथ इस स्कूल के कई निजी वाहन में इस तरह का वाक्या सामने आया है। इतना ही नहीं अभिभावकों से बस किराए के नाम पर स्कूल फॉर्म जमा होने पर ही मोटी रकम वसूली ली जाती है। बाफना पब्लिक निजी द्वरा पूर्व में हुए दर्दनाक व दिल दहला देने वाले स्कूल बस हादसे इंदौर, दिल्ली,हिमाचल में हो चके है।उक्त स्कूल हादसों से भी सबक लेने को तैयार नहीं है इतना ही नहीं इसके बाद जब हमने इस स्कूल की दुसरी बसों को चेक करना चाहा तो स्कूल के एक कर्मचारी ने हमारे साथ बदतमीजी भी करनी चाहि और हमारे कैमरे पर हाथ भी लगा दिया अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या एक्शन लेती है। या यूं ही निजी स्कूल की मनमानी चलती रहेगी। अगली खबर में हम भी स्कूल में हो रही बड़ी गड़बड़ी के रहस्य का भंडाफोड़ करेंगे बने रहिए हमारे साथ।
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