नगर परिषद द्वारा कलेक्टर के आदेश की उड़ाई धज्जियां हिंदू संगठनों ने गणेश विसर्जन में लापरवाही को लेकर किया विरोध प्रदर्शन

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भूपेन्द्र बरमंडलिया, मेघनगर

कोरोनाकाल में इस बार सामूहिक रूप से गणपति विर्सजन करना सभी के लिए संभव नहीं था। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा मूर्ति संग्रहण केंद्र अनंत चतुर्थी के दिन प्रत्येक जिले की नगर परिषद के मुख्य-मुख्य स्थानों पर लगाए गए थे। पूर्व में हुई शांति समिति की बैठक में जिला कलेक्टर रोहित सिंह ने समस्त जिले के एसडीएम एवं सीएमओ को दिशा निर्देश दिए थे कि मूर्ति विसर्जन के आयोजन में किसी भी तरह की लापरवाही या कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विसर्जन को हिंदू संस्कृति के हिसाब से पूर्ण रूप देना है। जिले भर के श्रद्धालुओं ने शासन प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए घर मे विराजित की गई गजानंद गणेश जी की मूर्तिया मूर्ति संग्रहण केंद्र पर जाकर अपने गणपति को विदाई दी। मूर्ति विसर्जन को लेकर मेघनगर नगर परिषद द्वारा अन्तरवालिया चौकी के अंतर्गत अनास नदी पर पोखर बनाकर मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था की गई थी। लेकिन यहां पर कलेक्टर रोहित सिंह के आदेशों की धज्जियां उड़ती हुई नजर आई। जिस पोखर को विसर्जन के लिए बनाया गया था उसमें पानी नहीं था जिसमें मूर्तियां कूड़ा करकट के साथ फेंक दी गई कई मूर्तियां खंडित हो गई तो कई पर गाय बैल एवं आसपास के कचरा बीनने वाले पैरों से मूर्ति को दबाते हुए नजर आए।पूरे मामले का विरोध विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल एवं हिंदू संगठनों ने विसर्जन वाली जगह पर एकत्रित होकर विरोध दर्ज कराया। वहीं स्थानीय रहवासियों का कहना है कि हमारे गाय बैल अनास नदी के समीप पानी पीने आते हैं जहां पर पूजन सामग्री पन्नी एवं अन्य सामान को विसर्जन नहीं किया गया उक्त खोलें पूजन सामग्री को यदि हमारी गाय बैल खा लेंगे तो गाय बेल की मृत्यु भी हो सकती है इसका जिम्मेदार नगर परिषद मेघनगर रहेगा। वहीं पूरे मामले को लेकर जब हमने जिम्मेदार अधिकारी मेघनगर सी.एम.ओ विकास डावर को फोन लगाया तो उन्होंने फोन उठाना भी उचित नहीं समझा। अब पूरे मामले को लेकर शासन-प्रशासन किस तरह लापरवाही पूर्ण रवैया रखने वाले जिम्मेदारों पर कार्रवाई करता है यह आने वाला वक्त तय करेगा।