विश्व हिंदू परिषद धर्म प्रसार की जिला बैठक गायत्री मंदिर में हुई संपन्न

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झाबुआ लाइव डेस्क-
अनुसूचित क्षेत्र झाबुआ में असंवैधानिक रूप से प्रशासन द्वारा प्रार्थना घरों के नाम पर चर्चों के निर्माण की अनुमति दिए जाने के संबंध में जिले भर के कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी आपत्ति दर्ज करवाई गई। आदिवासी बाहुल्य जिला होने के बावजूद प्रशासनिक कार्यालयों में आदिवासियों से होने वाले दुव्र्यवहार एवं अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत आदिवासियों को प्राप्त अधिकारों के हनन के विषय में चर्चा की गई। झाबुआ पुलिस प्रशासन द्वारा लंबे समय से किए जा रहे भ्रष्टाचार एवं आदिवासियों के साथ अत्याचार जिसमें की थांदला क्षेत्र में चार निर्दोष कार्यकर्ताओं पर बलात्कार का आरोप लगाकर 1 महीने से अधिक उन्हें जेल में रखना, नाबालिग आदिवासी लड़कियों के अपहरण में पुलिस द्वारा भ्रष्टाचार करते हुए एफआईआर दर्ज न करना एवं पूर्ण जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई न करना, पारा में गौ हत्या एवं गौ तस्करी के मामलों को उजागर करने वाले जनजाति कार्यकर्ताओं के हाथ तोड़ दिए जाने व मारपीट होने पर भी उनकी रिपोर्ट दर्ज ना किया जाना एवं ईसाई धर्मावलंबियों का लगातार एक तरफा समर्थन करने जैसे गंभीर आरोप कार्यकर्ताओं द्वारा संगठन के मंच से लगाए गए।

बैठक में कार्यकर्ताओं द्वारा सत्ताधारी पार्टी को भी आड़े हाथों लिया गया एवं खुले तौर पर खा गया कि राजनीतिक पार्टियां आदिवासी का सिर्फ वोट बैंक के रूप में उपयोग करती है एवं हिंदुत्व मात्र राजनीतिक एजेंडा बनकर रह गया है। धरातल पर हिंदुत्व का गौ रक्षा का एवं आदिवासी संस्कृति की रक्षा का काम करने वाले जनजाति के कार्यकर्ताओं के साथ हो रहे दुव्र्यवहार की संपूर्ण जवाबदारी वर्तमान शासन के जनप्रतिनिधियों की बताई गई। आगामी समय में यदि अनुसूचित क्षेत्र में ईसाई धर्मांतरण गौ तस्करी एवं प्रशासन द्वारा आदिवासियों की प्रताडऩा को समय रहते जनप्रतिनिधियों एवं सत्ताधारी पार्टी द्वारा नहीं रोका गया तो इसके विपरीत परिणाम जल्द देखने को मिलेंगे।