राजगढ नाका पर मां की आराधना में गरबों मेें बह रही आनंद की गंगा

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झाबुआ । संगीत की स्वर लहरियों के बीच, गणपत गरबों रमवा ने व्हेलो आवजो रे, पंखिडा रे उड़ी ने जाजे पावागढ़ रे, म्हारी माता भवानी आई गरबो खेलवा जैसे कर्णप्रिय गरबों के साथ राजगढ नाका गरबा मैदान में नगर के सर्वश्रेष्ठ गरबों को निहारने के लिये जहां पूरा नगर उमड रहा है वही गामीण क्षेत्र से भी सैकडो की संख्या में ग्रामीण महिलाएं एवं युवा वर्ग भी इन गरबों का आनन्द उठाने के लिये जमा हो रहे है। नवदुर्गा महोत्सव समिति द्वारा शैलेष दुबे के मार्गदर्शन मे आयोजित 10 दिवसीय गरबोत्सव में मेला लग रहा है। समाजसेवी एवं आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट के अध्यक्ष अजय रामावत ने रात्री 8 बजे मातारानी की भव्य अलौकिक प्रतिमा की महाआरती उतारी एवं प्रसादी वितरण के बाद संगीत की स्वर लहरियों के साथ विद्युत की चकाचौंध से दुधिया रोशनी मे नहाये हुए वातावरण में जब सैकड़ों पांव गुजरात के प्रसिद्ध गायकों के स्वर से निकले संगीतमय गरबो पर थिरकने लगे। बड़ी संख्या में महिलाओं ने ड्रेसकोड मे गरबों को खेल कर माता के प्रति अपनी भक्ति भावना प्रकट की। वही युवाओं एवं बच्चों में भी गरबों में भाग लेने की होड लगी रही। करीब 2500 लोगों ने गरबों में भाग लेकर वातावरण का दुर्गामय बना दिया। पारम्परति वेषभूषा में थिरकते पांवों को देख कर हर किसी ने मनोहारी दृश्य का आनंद लिया। दुर्गा महोत्सव समिति में पूरे नगर के लोगों का जमावडा होना तथा देर रात्री तक गरबों ने भाग लेना निश्चित रूप से यहां की गई व्यवस्था एवं सुंदरता को इंगित करता है।