यह है पेटलावद टीआई.. जिन्हें मिला केन्द्रीय गृह मंत्री पदक सम्मान; इस केस में मिली थी सफलता..

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सलमान शैख@ झाबुआ Live

पुलिस महकमें में थाना प्रभारी बनने की ललक तो सभी को रहती है, लेकिन कुछ ही अफसर इस पद पर पहुंच पाते है। ऐसे ही एक थाना प्रभारी है, झाबुआ जिले के पेटलावद थाने में पदस्थ थाना प्रभारी संजय रावत। जिन्होनें इस पद रहते कई उपलब्धियां हासिल की है। अब एक ओर नई उपलब्धि टीआई संजय रावत ने हासिल की है।
दरअसल, टीआई संजय रावत को भारत सरकार के गृहमंत्री अमीत शाह द्वारा ‘‘अन्वेषण में उत्कृष्ट हेतु केन्द्रीय गृह मंत्री पदक‘‘ से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें मनावर में थाना प्रभारी के पद पर पदस्थ रहते एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में त्वरित कार्रवाई कर आरोपी को फांसी की सजा दिलवाने में अपनी अहम भूमिका अदा करने के दौरान मिला है। इससे पहले उन्हें सीएम शिवराजसिंह चैहान द्वारा सम्मानित किया जा चुका था। एसपी आशुतोष गुप्ता और एडिशनल एसपी आनंदसिंह वास्कले ने उन्हें बधाई देते हुए प्रशस्ति पत्र उन्हें सौंपा।
यह था पूरा मामला, न्यायाधीश ने कहा था ऐसा अपराध उदारता लायक नहीं-
गौरतलब है कि धार जिले के मनावर थाने में विगत 15 दिसंबर 2017 को मान नदी ग्राम जगन्नाथपुरा किनारे में एक 4 वर्षीय बालिका की दुष्कर्म के बाद निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में थाने में धारा 363, 376(2)(आई), 302, 201 भादवि एवं 3/4, 5(एम)/6 पाक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज हुआ था। तत्कालिन टीआई रहे संजय रावत ने वहां अपनी सक्रियता के चलते आरोपी को धरदबोचा था। इसके बाद आरोपी करण उर्फ फतिया पिता भारी निवासी जगन्नाथपुरा मनावर के खिलाफ अभियोग पत्र तैयार कर न्यायालय में चालान पेश किया गया था। यह मामला इतना गंभीर था कि न्यायाधीश तक ने यह कह दिया था कि बेटियां खुदा की रहमत, ऐसा अपराध उदारता लायक नहीं‘ और हत्यारे को मृत्यु दण्ड (फांसी की सजा) व अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया था। यही वजह रही कि इसी मामले में अपनी सक्रियता और आरोपी को सजा दिलवाने में अहम भूमिका अदा करने पर भारत सरकार द्वारा यूनियन होम मिनिस्टर्स मेडल फाॅर एक्सीलेंस इन इन्वेस्टिगेशन (अन्वेषण में उत्कृष्टता हेतु केंद्रीय ग्रह मंत्री पदक से नामांकित किया।
दो वर्ष पहले पेटलावद में हुए थे पदस्थ-
विगत दो वर्षो पहले यहां पदस्थ हुए संजय रावत के सामने कई चुनौतियां थी। उनकी पदस्थापना के दो-चार दिन बाद सारंगी चैकी में एक घटनाक्रम हो गया, जिसे उन्होनें बड़ी सूझबूझ के साथ हल कर लिया। इसके बाद मानो एक के बाद एक करकर पेटलावद पुलिस थाने के नाम ब़ड़ी से बड़ी उपलब्धि हासिल हुई। थाने के आंकड़े इस बात को बयां कर रहे हैं। पुलिस पर आम जनता का विश्वास होने के बाद ही वो बिना झिझक किए अधिकारियों के बीच अपनी बात को कह सकता है। यही नहीं बेहतर पुलिसिंग के लिए पुलिस का आम जनता के बीच संबंध मधुर होना आवश्यक होता है। जितनी आम जनता के बीच पुलिस बैठती है संबंध उतना ही मधुर होता चला जाता है और वहीं संबंध समय आने पर बड़े से बड़े विवाद को रोकने में कारगार साबित होता है। इस बात का जीता जागतमा उदाहरण है पेटलावद पुलिस थाना।
कोरोना कालखण्ड में दिखे कई खौफनाक मंजर, निडर होकर उटे रहे पुलिसकर्मी-
कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर ने कई लोगो को कमी न भूल पाने वाले दुख दिए है। इस भयानक नजारे के बीच यदि किसी ने हिम्मत नहीं हारी तो वह है पुलिस जवान। जो लगातार दो सालो से इस महामारी में दिन-रात ड्यूटी कर रहे है। बाजारों में बगैर मास्क निकलने वालों को सख्ती से रोका, शारीरिक दूरी का पालन कराया। वहीं जब आॅक्सीजन का संकट खड़ा हुआ तो स्वयं रात-दिन सेवा में लगे रहे। वाहनों को सुगमता से पहुंचाने वा लाने का कार्य गंभीरता से किया। लाकडाउन को प्रभावी बनाने से लेकर जरूरतमंदो को राशन और दैनिक जरूरतों का सामान पहुंचाने तक का काम पुलिस ने अपनी जान की परवाह न करते हुए किया। पुलिस का यह काम हमेशा याद किया जाएगा।
सूचना पर पुलिस की उपलब्धता-
किसी भी बडी घटना की जड़ छोटी सी बात हुआ करती है। अगर समय रहते मामले को शांत करा दिया जाए तो संभव है कि बड़ा विवाद हो ही न। यही थ्योरी टीआई संजय रावत के काम आती रही है। वे बताते है कि हर एक समस्याएं चाहे वो छोटी हो या बड़ी मैं उसे शून्य प्रतिशत लाने का प्रयास करता हूं। मामला क्या है उसकी जड़ पकड़ने के बाद मामले के समाधान का प्रयास करता हूं। उपर के अधिकारियों से पारदर्शिता रखता हूं और उनके मार्गदर्शन में काम करता हूं। थाने पर आने वाले हर एक मामले को मैं गंभीरता से लूता हूं। इसके अलावा मैं प्रयास करता हूं कि जितने समय क्षैत्र में रहूं उतने समय उस क्षैत्र के लोगो से सुलभता से मिलता रहूं।
पेटलावद थाने को मिली कई बड़ी उपलब्धिया-
पहला आईएसओ प्रमाणित थाना बना पेटलावदः
थाना पेटलावद वर्ष 2002-03 में निर्मित होकर थाना एवं थाना परिसर को उच्च स्तर के लिए लगातार प्रयास कर वर्ष 2021 में अंतराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) के तहत अवार्ड प्राप्त किया। यह अवार्ड पूरे जिले में पेटलावद पुलिस थाने को ही प्राप्त हुआ।
मगरमच्छ का शिकार मानी गई बालिका को ढूंढा-
आपरेशन मुस्कान के तहत पेटलावद पुलिस ने 10 साल पहले मगरमच्छ का शिकार मानी गई बालिका को पेटलावद पुलिस ने ढूंढ निकाला था। 10 साल बाद अपने मां-बाप से युवती के मिलने पर दोनो की खुशी का ठिकाना नही रहा था। इस मामले में इससे पहले 17 जांच अधिकारी अपनी जांच कर चुके थे, लेकिन उन्हें लड़की का कोई सुराग नही मिला था। इसके बाद टीआई संजय रावत ने अपनी सक्रियता से लड़की को ढूंढ निकाला।