कपास के दाम कम मिलने से किसानों का हंगामा, व्यापारियों ने कुछ देर के लिए बंद की खरीदी, कपास-सोयाबीन की बम्पर आवक

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झाबुआ लाइव के लिए पारा से राज सरतलिया की रिपोर्ट-
खरीफ फसलों के उच्च स्तर भावों में बिकने के बाद छठे हाट में अल सुबह से ही कपास-सोयाबीन से भरे अनगिनत वाहनों की कतार लगना शुरू हो गई थी। मगर 6 हजार से 6500 तक कपास के भाव की बोली लगने से देखते ही देखते किसानों का गुस्सा व्यापारियों और मंडी कर्मियों पर टूट पड़ा और सभी ने एक सुर में कहा कि कपास के भाव 7 हजार या इससे ऊपर होंगे तभी वह अपनी उपज बेचेंगे। किसानों का रौद्र रूप देखते हुए व्यापारी भी एक एक कर खिसकते नजर आए। वही किसानों के इस अडियल रवैये को देखते हुए व्यापारियों ने भी कहा कि कपास के भाव सिर्फ पारा मंडी से ही निर्धारित नहीं होते हैं फिर भी किसानों ने नहीं सुनी और कई किसान मंडी से कपास लेकर जाने लगे तो कइयों ने पारा आकर बेच दिया। मंडी में उपनिरीक्षक संजीवन चारेल ने बताया कि भावों में उतार-चढ़ाव तो चलता रहता है। इसमे मंडी प्रशासन और व्यापारी क्या कर सकते हैं। किसान तो पिछले हाट के भाव 7 हजार से 7500 तक पर अड़े रहे ए ऐसे में दोपहर 1 बजे तक गांवो से आया करीब 2 हजार क्विंटल कपास और साथ मे करीब 1000 क्विंटल सोयाबीन ना बिकने के कारण अटका रह गया। छापरी रणवास के किसान दिलीप सिंगाड ने बताया कि कपास के भाव बहुत कम होने के कारण हमें काफी नुकसान हो रहा है। 4 घंटे की नाराजगी-गुस्से और गहमा-गहमी के बाद 2 बजे से मंडी में फिर बोली लगना शुरू हुई उसमे कपास 6200 से 6600 रुपए सोयाबीन 2975 से बढ़ते 3200 प्रति क्विंटल तक बिका, मूंगफली 3700 से 3850 तक बिकी। छठे हाट में मात्र 6 किसानों को भावांतर का लाभ मिलेगा। गुरुवार को जहां उपमंडी में भावों को लेकर विवाद हो रहा था वहीं पारा के बाजारों में फुटकर कपास की जमकर खरीदी हुईए क्यों कि विवाद के बाद कई छोटे कृषक जो 10 किलो से लेकर 1 क्विंटल तक कपास लाए थे उन्होंने पारा में आकर अपनी उपज बेच दी। गुरुवार को दिनभर मंडी में भावों को लेकर हलचल बनी रही और किसानों का गुस्सा देखते चौकी प्रभारी बीआर बघेल पूरे दिन दलबल के चौकसी करते नजर आए। वही व्यापारी संघ अध्यक्ष प्रकाश तलेसरा का कहना है कपास की रतलाम डिलीवरी 6350 तो कैसे खरीदे 7000 रुपए प्रति क्विंटल में कैसे खरीदा जाए।