मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव की आहट के बीच हायर सेकेंडरी व महाविद्यालय के छात्रों को जनरल प्रमोशन को लेकर सियासत तेज

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रितिक नायक, झाबुआ

कोरोना के बीच प्रदेश में परीक्षाओं को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है| परीक्षा के मुद्दे पर सरकार और छात्र आमने-सामने खड़े हो गए हैं| कांग्रेस की स्टूडेंट विंग एनएसयूआई इस मुद्दे पर शिवराज सरकार को घेर रही है| दरअसल मध्यप्रदेश शासन ने 16 जून से कक्षा12वीं व कॉलेजों की परीक्षा कराने का फैसला लिया है| इसके लिए नया टाइम टेबल भी जारी कर दिया गया है | लेकिन छात्रों में इसे लेकर असंतोष दिख रहा है| छात्र परीक्षा की जगह जनरल प्रमोशन की मांग कर रहे हैं| छात्रों का तर्क है कि जब महाराष्ट्र व अन्य राज्य में जनरल प्रमोशन दिया जा रहा है तो मध्यप्रदेश में क्यों नहीं| सोशल मीडिया पर जनरल प्रमोशन टू एमपी स्टूडेंट ट्रेंड कर रहा है||ऐसे समय में एनएसयूआई इस विरोध प्रदर्शन का चेहरा बनकर उभरी है| प्रदेश में अलग-अलग जगह एनएसयूआई के बैनर तले कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जा रहे हैं |एनएसयूआई ने शिवराज सिंह चौहान को भी परीक्षाएं रद्द कर जनरल प्रमोशन देने के लिए पत्र लिखा है| इसके साथ ही कुछ स्थानों पर मुख्यमंत्री के पुतले भी जलाए जा रहे हैं| उनका आरोप है कि सरकार छात्रों की जान के साथ खिलवाड़ कर रही है | प्रदेश की 49 यूनिवर्सिटी के अंतर्गत 1405 कॉलेज संचालित होते है | इन कॉलेजो में 11, 78, 000 छात्र अध्यनरत है
इन सब के पीछे सियासी सुगबुगाहट भी नजर आ रही है| प्रदेश में जल्द ही छात्र संघ व 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं| ऐसे में एनएसयूआई इन छात्रों को अपने पाले में लाकर खुद को मजबूत करने की कवायद में है | वही एबीवीपी जो गोवा जैसे दूसरे राज्यों में जनरल प्रमोशन का समर्थन कर रही है | मध्यप्रदेश में अपनी पार्टी की सरकार के सामने मौन है | उनका कहना है कि इसका फायदा उन छात्रों को होगा जो पढ़ते नहीं है |उनके इस बयान पर एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष विपिन वानखेडे ने एबीवीपी की जमकर आलोचना की |हालांकि मुख्यमंत्री कांग्रेस के आरोपों को नकार रहे हैं| वह कांग्रेस पर छात्रों को भड़काने का आरोप लगा रहे हैं | उन्होंने इस विरोध प्रदर्शन को राजनीति से प्रेरित अभियान बताया है| बहरहाल प्रदेश में कोरोना की रफ्तार भले ही थोड़ी धीमी पड़ गई हो लेकिन सियासत तेज हो गई है| छात्रों के स्वास्थ्य और भविष्य को भी राजनीतिक मुद्दे के तौर पर भुनाया जा रहा है ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आखिर परीक्षा का घमासान कहां जाकर रुकता है और इसका सियासी फायदा किसे होता है|

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