साहुकार सावधान ..झाबुआ कलेक्टर का फरमान : बिना लाइसेंस शुन्य माना जायेगा लेन देन

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झाबुआ Live के लिऐ ” अब्दुल वली खान ” की EXCLUSIVE रिपोर्ट ।

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झाबुआ कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी अनुगराग चौधरी ने आज घोषणा की कि झाबुआ जिले में कोई भी लाइसेंसधारी साहूकार नहींहै। लिहाजा बिना लाइसेंस के किया गया कोई भी साहूकारी कार्य या लेन-देन अवैध एवं शून्य माना जाएगा और यदि इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होती है तो संबंधित साहूकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी अनुराग चौधरी द्वारा साहूकार के संव्यवहार के विनियमन एवं नियंत्रण के एि मध्यप्रदेश साहूकार (संशोधन) अधिनियम 200 लागू है। उक्त अधिनियम की धारा-11 (ख) (क्रमांक 13 वर्ष 2001 द्वारा प्रतिस्थापित) साहूकारों के रजिस्ट्रीकरण एवं रजिस्ट्री प्रमाण पत्र के संबंध में है। उक्त अधिनियम की दारा 11 (ख) के पैरा अनुसार प्रत्येक व्यक्ति जो साहूकार का कारोबार करता है या करने का आशय रखता है, रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को आवेदन करके स्वयं को रजिस्ट्रीकृत करवाएगा और ऐसा रजिस्ट्रीकरण पर रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी उसे ऐसे प्रारूप में जिसे विहित किया जाए एक रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र देगा। उक्त अधिनियम की धारा 11 (ख) की उपाधारा-1 के परंतुक में यह स्पष्ट किया गया है कि कोई भी रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र संविधान के अनुच्छेद-244 के खंड (1) में निर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्र में साहूकार कारोबार करने के लिए नहींदिया जाएगा।

झाबुआ जिले की तहसील राणापुर, मेघनगर, थांदला, झाबुआ एवं पेटलावद पूर्ण रूप से संविधान के अनुच्छेद-244 के खंड (1) में निर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्र की श्रेणी में आती है। इसलिए यह अधिनियम की धारा-11 (ख) के अनुसार जिले की तहसील राणापुर, मेघनगर, थांदला, झाबुआ एवं पेटलावद में किसी भी व्यक्ति को न तो कोई रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र दिया जा सकता है और न ही कोई व्यक्ति साहूकार का कारोबार यहां कर सकता है।

वहींजिले में इसके पूर्व कई अधिकारियों द्वारा पूर्व में रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं एवं वर्तमान में उनका नवीनीकरण भी कर दिया गया है। ऐसे में समस्त प्रमाण पत्र या साहूकारी लाइसेंस उक्त अधिनियम की धारा-11 (ख) के प्रभाव से स्वयं ही निष्फल एवं शून्य है। अत: यह स्पष्ट है कि उक्त तहसीलों में कोई भी व्यक्ति साहूकारी कारोबार करने के लिए न तो पंजीकृत है औ न ही अधिकृत हैं। वहींझाबुआ जिले की राणापुर, मेघनगर, थांदला, झाबुआ एवं पेटलावद तहसील के विभिन्न क्षेत्रों में विशेषकर आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में साहूकारों द्वारा अधिक ब्याज दरों पर साहूकारी का कारोबार किया जा रहा है। इस बारे में नागरिकों से विभिन्न प्रकार की शिकायत भी मिली है जिससे यह स्पष्ट होता है कि साहूकारों द्वारा अनियंत्रित एवं अनाधिकृत रूप से ग्रामीण आदिवासी एवं गरीबों को अधिक ब्याज दरों पर ऋण देकर बदले में उनकी मूल्यवान वस्तुएं  या भूमि गिरवी रखी जा रही है और यह भी कि इस प्रकार के अनेक ग्रामीण परिवार साहूकारों के कर्जे के बोझ में लंबे समय से फंसे हुए हैं जिससे न केवल उन्हें आर्थिक क्षति हो रही बल्कि इससे उनका सर्र्वांगीण विकास भी रुक चुका है। इसलिए यह अधिनियम का पालन किया जाना सुनिश्चित किया जाए। यहां  यह भी स्पष्ट किया जाता है कि जिले की राणापुर, मेघनगर, थांदला, झाबुआ व पेटलावद तहसील में अनाधिकृत रूप से पूर्व में किए एवं वर्तमान में किए जा रहे समस्त साहूकारी संव्यवहार उक्त अधिनियम के उल्लंघन की श्रेणी में आते हैं। ऐस स्थिति में समस्त संव्यवहार स्वत: शून्य हो जाएंगे। इसका मतलब है कि झाबुआ जिले की सभी तहसीलों के भीतर किसी भी साहूकार द्वारा अनाधिकृत रूप से किसी भी व्यक्ति को दिए कर्ज, वर्तमान में प्रचलित किसी भी अन्य विधि के अनुसार कोई संव्यवहार वैध हो उसे छोड़कर समस्त साहूकारी संव्यवहार शून्य है।