झाबुआ लाइव डेस्क । व्यापमं मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी नाराज बताए जा रहे हैं. नाराजगी की वजह पार्टी की लगातार हो रही किरकिरी और बिहार सहित कई राज्यों में व्यापमं के एक बड़ा मुद्दा बनने को बताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार को पूरे मामले को समझने और अपने स्तर पर सारी जानकारी जुटाने का जिम्मा सौपा है.उम्मीद जताई जा रही है कि प्रधान मंत्री के विदेश भ्रमण से लोटते ही शिवराज पर कोई फैसला हो सकता है ।
देर रात हुई बैठक
प्रधानमंत्री से मिले निर्देश के बाद अनंत कुमार ने पूरे मामले की कमान संभाल ली हैं. बुधवार देर रात को उनके बंगले पर एक बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में शिवराज सिंह चौहान के अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे और प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान भी शामिल थे. माना जा रहा है कि इस बैठक में शिवराज ने व्यापमं मामले में अब तक हुई कार्रवाई और अपनी सरकार का पक्ष रखा.
विशेष विमान से आए प्रदेश अध्यक्ष
भाजपा में गहराते व्यापमं संकट के बीच अब पार्टी बचाव की रणनीति में जुट गई है. बुधवार देर रात से बैठकों का दौर जारी है. मामला कितना गंभीर है अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान को तत्काल पुणे से दिल्ली बुलाया गया. इसके लिए विशेष विमान का इंतजाम किया गया. लेकिन बडा सवाल यही है कि नंदू भैया अभी तक विभिन्न मंच पर घोटाले को खारिज करते आये थे ।
एमपी के मंत्रियों ने शुरू की लॉबिंग
व्यापमं घोटाले में घिरे शिवराज सिंह के खिलाफ अब धीरे-धीरे मोर्चा बनने लगा है. पार्टी के भीतर एक खेमा लामबंद हो रहा है. बताया जा रहा है कि पार्टी के कई वरिष्ठ मंत्रियों ने दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और पार्टी के सीनियर नेताओं से सीधे संपर्क में हैं. ऐसे में शिवराज को पार्टी के भीतर भी खुल रहे मोर्चे से जुझना पड़ सकता है. सागर ओर ग्वालियर इलाके के मंत्री भी सक्रिय बताई जा रहे है ।
सुषमा से मिले शिवराज, दी सफाई
भाजपा में बैठकों का दौर शुरु होने के पहले शिवराज सिंह चौहान ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से उनके बंगले पर मुलाकात की. माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान शिवराज ने व्यापमं से जुड़ी सिलसिलेवार जानकारी दी. शिवराज को सुषमा से सहयोग की उम्मीद है गौरतलब है कि भाजपा की अंदरुनी राजनीति में शिवराज को सुषमा स्वराज का समर्थन हासिल है.
सोमवार की वो ‘रात’
दरअसल, टीवी रिपोर्टर अक्षय सिंह की मौत के बाद ट्रेनी एसआई अनामिका कुशवाहा मामले के भी कथित रुप से व्यापमं से जुड़ने के बाद शिवराज पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था. चौतरफा दबाव के बावजूद शिवराज सीबीआई जांच के लिए राजी नहीं थे.
सोमवार देर रात से चर्चाओं का दौर शुरू हो गया. शिवराज रात भर अपने विश्वस्त मंत्रियों, कानूनी जानकारों के साथ ही खास सलाहकारों से चर्चा करते रहे. चर्चा का यह दौर मंगलवार सुबह तक जारी रहा. इस चर्चा में सीबीआई जांच पर किसी तरह की कोई सहमति नहीं बनी थी.
मंगलवार सुबह के वो ‘पांच मिनट
गृहमंत्री राजनाथ सिंह के सीबीआई जांच नहीं कराने के बाद शिवराज सिंह चौहान काफी हद तक आश्वस्त थे. सोमवार रातभर चली चर्चा के बाद भी यह लगभग तय हो गया था कि सीबीआई जांच की सिफारिश नहीं की जाए. सूत्रों की माने तो मंगलवार सुबह पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का फोन आया. अमित शाह ने बमुश्किल 5 मिनट बात की और फोन रखने के तुरंत बाद शिवराज सीबीआई जांच के लिए राजी हो गए.
मंत्रियों को भी नहीं दी जानकारी
मंगलवार को शिवराज कैबिनेट की बैठक भी थी. इस बैठक के दौरान भी शिवराज ने किसी को अहसास नहीं होने दिया कि वह व्यापमं मामले को लेकर कोई बड़ा एलान करने जा रहे है. बताया जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद कुछ मंत्री मुख्यमंत्री के पीछे चैंबर तक भी गए थे, लेकिन शिवराज ने उन्हें कुछ नहीं बताया गया था ।