राजनीतिक हलचल

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 @ अशोक बलसोरा
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कोन बनेगा युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष ?
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केंद्र & राज्य मे सत्तारुण बीजेपी संगठन भी कांग्रेस की तर्ज पर गुटबाजी का शिकार हो रही है पार्टी विद डिफ्रेंट का नारा अब खुंटी पर टांग दिया गया है । भाजयुमो जिलाध्यक्ष के नाम के एलान मे देरी की वजह यही खींचतान बताई जा रही है दरअसल झाबुआ जिले के तीनों विधायकों ने थादंला विधायक पुत्र ” संजय भाबर ” का नाम भाजयुमो जिलाध्यक्ष के रुप मे आगे बढाया है लेकिन बीजेपी जिलाध्यक्ष अपने खास करीबी राजा ठाकुर को जिलाध्यक्ष भाजयुमो बनाना चाहते है उनकी यह इच्छा वायरल भी हो चुकी है । अब देखना है कि प्रदेश संगठन विधायकों या दोलत भावसार मे से किसको ठेंगा बताता है ! संजय भाबर के साथ एक दिक्कत है जिसका खुलासा हम बाद मे करेंगे ।

महिला मोर्चे पर भी ” रार “जारी है
झगड़ा सिर्फ भाजयुमो को लेकर हो ऐसा भी नहीं है बल्कि महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष को लेकर भी पार्टी मे रार जारी है जिलाध्यक्ष दोलत भावसार किसी आरती भानपुरिया को जिलाध्यक्ष बनवाना चाहते है ओर बीजेपी मे उनकी विरोधी लाबी आरती भानपुरिया का नाम स्वीकारने को तैयार नहीं । नतीजा कई जिलों की महिला मोर्चा जिलाध्यक्षों की घोषणा हो चुकी है मगर झाबुआ अटका है अब देखना यह है कि आगे क्या होता है ।

नगर पालिका के लिए भाजपा मे अभी से ” उठापटक चालू ”
जैसै जैसै नगर पालिका चुनाव आगे बढे रहे है वैसै वैसै सत्तारूढ़ भाजपा मे नगर पालिका अध्यक्ष के लिए टिकट के दावेदार बढते जा रहे है । दिलचस्प बात यह है कि खुद बीजेपी मे भी गुटों के अंदर गुट बन गये है पहले दोलत भावसार गुट की ओर दिलीप कुशवाह ने ” सावित्री मैडा ” का नाम आगे बढाया था उस नाम पर दोलत भावसार तो डटे हुए है लेकिन दिलिप कुशवाह ने पर्दे के पीछे रहकर अपने खेमे से एक नया दावेदार मैदान मे उतारा है साईं सेवा समिति के संयोजक के रुप मे ” कविता सिंगार ” का नाम आगे बढाया जा रहा है हालांकि अभी सोशल मीडिया ओर सांई सेवा समिति के जरिए यह नाम आगे बढा है लेकिन इस नाम के बढ़ने से दोलत भावसार यानी बीजेपी जिलाध्यक्ष खेमे मे उभरी दरार साफ दिखाई दे रही है राजगढ़ नाके की ओर से प्लान 1 मे बसंती बारिया ओर प्लान 2 मे पर्वत मकवाना की मां के नाम की चर्चाए है वही बताते है कि राजगढ़ नाका गुट से खफा चल रहे विजय नायर खेमा ही आशा के नाम पर प्रयास कर रहा है अब देखना होगा कि बीजेपी प्रदेश इकाई इस बड़े सिरदर्द से कैसै निपटती है ।

दोलत भावसार के लिए खुद को साबित करना चुनोती हुआ ?

अगले 100 दिन बीजेपी जिलाध्यक्ष के लिए बेहद महत्वपूर्ण ओर मुश्किल भरे है जिले के तीनों विधायक उनके खिलाफ नजर आते है अब अगर दोलत भावसार भाजयुमो जिलाध्यक्ष ; महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष अपने समथ॔को को नहीं बनवा पाये ओर नगर पालिका मे अपने समथ॔क को अध्यक्ष का टिकट नहीं करवा पाए तो साबित हो जायेगा कि संगठन मे उनकी पकड़ नहीं है ओर अगर भावसार तीनों काम अपने मन मुताबिक करवा पाये तो संगठन पर उनकी पकड़ मजबूत होगी ।

प्रभारी मंत्री से नाराज ” भाजपाई
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अंदर की खबर यह है कि जिले के प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग से जिले के भाजपाई ही सबसे अधिक नाराज है उसकी दो वजह बताई जा रही है पहला यह कि प्रभारी मंत्री झाबुआ के दोरै पर ही नहीं आते या अल्प समय के लिए टाइट शिडयूल के साथ आते है कि उनके काम तो दूर बात तक नहीं हो पाती ओर दूसरा दुर्घटनावश बात हो भी गयी तो काम नहीं होता । यही कारण है कि अब प्रभारी मंत्री के आगमन पर जुटने वाली कार्यकर्ताओ की भीड नदारद है ।

तो थादंला से किसको टिकट …?

इस बारे मे खुलासा अगली राजनीतिक हलचल मे पढिऐ ..तब तक इंतजार ओर पढते रहिए ..झाबुआ Live पर

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