मौसम ने बिगाड़ा टमाटर, भाव नहीं मिलने पर किसान हुए चिंतित

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verve_shutterstock_lifestyle_2016_35झाबुआ लाइव के लिए परवलिया से हरीश पांचाल की रिपोर्ट-
परवलिया गांव व आसपास के गांव में करीबन 1000 से 1200 एकड़ में टमाटर की फसल लगाई गई लेकिन मौसम की मार से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें आ गई है। क्योंकि प्रतिदिन बरसात से टमाटर खराब हो रहे है, वही जो टमाटर खराब होकर बच रहे हैं उनके भाव भी न बराबर मिल रहे हैं।
मजदूरी भी नहीं निकल रही
टमाटर की खेती करने वाले किसान बताते हैं कि इस बार टमाटर में जो खर्च किया है वह भी पूरा नहीं हुआ है कर्ज लेकर खेती कर रहे हैं, लेकिन एक तरफ टमाटर खऱाब हो रहे हैं, तो दूसरी तरह अच्छे टमाटर के भाव नहीं मिल रहे है जिससे तुड़ाई की मजदूरी भी नहीं मिल रही हैं। वर्तमान में 80 से 100 रुपए में टमाटर का एक केरेट बिक रहा है। अहमदाबाद मंडी में वही पास ही थांदला मण्डी में तो और भी हालत खस्ता है।
पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक की टमाटर की खेती
गत वर्ष टमाटर के अच्छे भाव के कारण इस बार किसानों ने टमाटर की खेती को अधिक महत्व देते हुए व फायदा देखते हुए ज्यादा टमाटर की खेती की है, लेकिन उन्हें क्या पता की मौसम उन्हें मात दे जाएगा व मौसम से पीछा छूटने के बाद मण्डी में उनके टमाटर का भाव जो नहीं मिल रहा है।
खाद-बीज-दवाई का खर्च नहीं निकला
टमाटर की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि इस बार अभी तक उनके द्वारा किया गया खाद-बीज-दवाई का खर्च भी नहीं निकला है। अगर ऐसी ही स्थिति रही तो हम कर्ज में डूब जाएंगे तेज आंधी से बांस के सहारे खड़े टमाटर के पौधे गिर जाते है, जिससे नुकसान हो रहा है।
प्रतिदिन 5 से 6 गाड़ी भरने की जगह अब मुश्किल से 2 भी नहीं भर रही हे
एक तरफ पानी के कारण टमाटर खराब हो रहे तो एक तरफ जो बचे टमाटर है उनका भाव भी नहीं मिल रहा है। पिछले जहा गांव व आसपास की मिलकर पांच से छह गाडिय़ां टमाटर की भर जाती थी लेकिन वर्तमान स्थिति में 2 भी मुश्किल से भर रही है।
फायदे की खेती घाटे की खेती साबित हो रही है
वर्तमान की स्थिति को देखने हुए यही लग रहा है की फायदे की टमाटर की खेती कहे जाने वाली खेती आज घाटे की खेती साबित ही रही है। किसानों को अभी से सोसाइटी से लिया हुआ कर्ज उतारने की चिंता सता रही है।
सोसाइटी से किए गए फसल बिमा से आस
सोसाइटी से किसानो की फसल बीमा राशि के रूप में पहले ही ले ली गई थी लेकिन अभी तक बीमा कम्पनी की और से कोई सर्वे या अन्य कोई गतिविधिया किसानो की फसल की और नही हुई है। वही दूसरी और गांव के किसान भगवानलाल पाटीदार, आशीष पटेल, राजाराम पाटीदार, दिनेश पाटीदार, सुरेश पाटीदार का कहना है कि भले ही कुछ भी हो जाए लेकिन हम देश के साथ है व पाकिस्तान को टमाटर नही देंगे।
इनकी भी सुनो-
किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है, पिछले साल जहां 500 रुपए टमाटर का केरेट बिकता था वहा आज 80 से 100 रुपए बिक रहा है। – महेश पाटीदार, अध्यक्ष
ब्लॉक किसान कांग्रेस कमेटी, थांदला
टमाटर के साथ सोयाबीज, मूंग, उड़द की फसलों को भी नुकसान हुआ है। फसल बीमा के तहत किए गए बीमा कम्पनी की तरफ से अभी तक कोई सर्वे नहीं किया गया। इस बार जो डीएपी खाद आया उसका भी असर फसलों पर नहीं हुआ है।
-आशीष पटेल, परवलिया सोसाइटी डायरेक्टर