मुंहबोली मोसी के इश्क मे पागल युवक ने मोसी के साथ मिलकर किया कत्ल ; लेकिन युवक के बटन से कातिलों तक पहुंची पुलिस
क्राइम डेस्क / झाबुआ Live
वह 7 अगस्त 2020 की तारीख थी जब झाबुआ के एसपी आशुतोष गुप्ता अपने बंगले पर बैठे-बैठै अखबार पढ रहे थे, तभी उनके मोबाइल की घंटी बजती है । चूंकि समय सुबह का था एसपी गुप्ता का मन आशंकाओ से भर उठता है कि कहीं कोई वारदात तो नहीं हो गयी। उनके फोन रिसीव करते ही आवाज गूंजती है श्रीमानजी मै राणापुर थाने की कुंदनपुर चोकी का प्रभारी उपनिरीक्षक सुशील पाठक बोल रहा हूं।
श्रीमानजी पास के नाड गांव मे एक पेड़ पर वृद्ध की लाश टंगी होने की सुचना मिली है, यह लाश नाड गाव के बुजुर्ग पीदिया की है । मै मोके के लिए रवाना हो रहा हूं ।इस पर एसपी आशुतोष गुप्ता सामान्य प्राथमिक जानकारी हासिल करने के बाद आवश्यक निर्देश देते है।चोकी प्रभारी तो घटनास्थल के लिए रवाना हो जाते है लेकिन सुचना के बाद एसपी आशुतोष गुप्ता के दिमाग मे बहुत कुछ शुरु हो जाता है वे तत्काल एफएसएल अधिकारी आरएस मुजाल्दा को भी मोके पर रवाना होने के निर्देश देते है । कुछ देर बाद एसपी आशुतोष गुप्ता झाबुआ से एससपी विजय डावर को भी मोके के लिए रवाना करते है। इसी दोरान राणापुर टीआई कोश्लया चोहान भी घटनास्थल पर पहुंचती है । घटनास्थल के हालात देखकर अधिकारी एसपी आशुतोष गुप्ता को मोबाइल कर बताते है सर मामला कुछ गडबड लग रहा है मृतक के सिर के पिछले हिस्से से थोडा खुन बह रहा है पैर भी लगभग जमीन पर है। इस सुचना पर एसपी आशुतोष गुप्ता घटनास्थल के लिए रवाना होते है क्योकि यह एक अंधा कत्ल था। मोकै पर पहुंचे एसपी ने पाया कि मृतक बुजुर्ग पीदिया के पैर लगभग जमीन पर थे उसके सिर के पिछले हिस्से से रक्त बह रहा था गमछा थोडा खुन से सन गया था ; मृतक की बहु रागुबाई की कच्ची झोपड़ी मे एक बटन भी पडा हुआ था जो किसी शर्ट का था।घटनास्थल की परिस्थितियों ने एसपी आशुतोष गुप्ता को यह अहसास करवा दिया था कि यह एक अंधा कत्ल है ओर उसे हल करना उनके लिए एक चुनोती है लेकिन एसपी आशुतोष गुप्ता आईआईटियन है ओर फोरेंसिक साइंस ओर तकनीक का इस्तेमाल करने वाले अधिकारी है।उन्होंने समझ लिया कि बटन के रुप मे आरोपी शायद सबूत छोड गया है। अगले दो दिनो मे एसपी ने एससपी विजय डावर को सबुत जुटाने की जवाबदारी सोंपी। साथ ही सादी वर्दी मे पुलिस का तंत्र भी गांव ओर मृतक की रिश्तेदारी मे सक्रिय किया गया ।
