महाविद्यालयों में प्रवेश सीटे नहीं बढ़ाने का कांग्रेस ने किया विरोध

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झाबुआ। जिले के महाविद्यालयों में इन दिनों हायर सेकेंडरी उत्र्तीण विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। सरकार द्वारा कॉलेजों में नए प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं के लिए प्रवेश सीटे नहीं बढ़ाई जा रहीं है, जिससे उनका एक वर्ष खराब होने के साथ भविष्य अंधकारमय हो रहा है। यह बात जिला पंचायत एवं जिला कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष कलावती भूरिया ने कहीं। उन्होंने बताया कि सरकार के मुखिया यूं तो अपने आपको भांजे-भांजियों का मामा बताकर उनके समग्र शैक्षणिक विकास की बात करते है, उनके लिए निए नई योजनाएं बनाने की बात करते है, लेकिन कॉलेजों में हायर सेकंडरी पास छात्र-छात्राओं को कहीं भी प्रवेश नहीं मिलने से वे भटकने को मजबूर हो रहे है। आलीराजपुर के छात्र-छात्राएं झाबुआ जिले के कॉलेजों में प्रवेश के लिए चक्कर काट रहे है, लेकिन उनका प्रवेश नहंी हो रहा है।
एक वर्ष होगा बर्बाद
भूरिया ने आगे बताया कि उनके पास भी ग्रामीण अंचलों के कई 12वीं उत्र्तीर्ण छात्र-छात्राएं यह समस्याएं लेकर पहुंच रहे है। यदि इन विद्यार्थियों को महाविद्यालयों में प्रवेश नहीं मिला, तो इनका एक वर्ष व्यर्थ चला जाएगा। यदि महाविद्यालय प्रशासन को इन्हें प्रवेश ही नहींदेना था, तो सरकार द्वारा अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिए रूक जाना नहीं योजना ही नहीं संचालित करना थी। एक तरफ शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए ऐसी योजनाएं चलाई जाती है तो दूसरी ओर छात्र-छात्राओं को कॉलेज में नवीन प्रवेश नहीं देकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जाता है।
छात्रावास आवास गृह की राशि नहीं मिली
युवा कांग्रेस नेता डॉ. विक्रांत भूरिया ने बताया कि जिले के महाविद्यालयों में दूरस्थ ग्रामीण अंचलों से आने वाले छात्र-छात्राओं को छात्रावास आवास गृह की राशि नहीं मिलने से परेशान होना पड़ रहा है। उन्हें मकान का किराया देना दूभर हो रहा है। आवास गृह की राशि खातों में जमा करने के लिए वे कई बार शासन एवं महाविद्यालय प्रषासन से गुहार लगा चुके है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रहीं है।
छात्रसंघ चुनाव भी नहीं हुए
जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता ने कहा कि कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव पिछले डेढ़ से दो साल से नहीं हो रहे है। जिसकी मांग अखिल भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन द्वारा हाल में की गई, लेकिन डीएवीवी द्वारा छात्र संघ चुनाव नहीं करवाकर महाविद्यालयों के विकास कार्य में अड़चन डालने का कार्य किया जा रहा है।