ब्राह्मण व संत अपने चरित्र से गिरता है तो आपदा आती है : पंडित नागरजी

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
पं. कमल किशोरजी नागर ने पेटलावद में आए आपदा के बारे में बताते हुए कहा की आज देश विदेश में कई प्रकार की प्रणत आ रही है तो आखिर ये क्यों आ रही है, इसका कारण स्पष्ट करते हुए कहा की यदि यजमान गलती करते तो कुछ नहीं पर ब्राम्हण गलती करेगा तो आपदा आएगी। वहीं यदि ब्राम्हण अपनी चरित्र से गिर भी जाए पर संत अपने चरित्र से गिर जाएंगे तो आपदा आएगी, यदि देश की 5500 नदियां गंदी हो जाए तो कुछ नहीं पर यदि गंगा मेली हो गई तो आपदा आएगी। वहीं मकान में गलत काम करोंगे तो कुछ नहीं पर मंदिर में गलत काम करोंगे तो आपदा आएगी। इसलिए हम इन आपदों को आने से रोकना है तो ब्राम्हण को गलत कामों से बचना होगा। संत को अपना चरित्र सही रखना होगा, वहीं मां गंगा को भी पवित्र रखना होगा। साथ ही मंदिरों में गलत कार्य नहीं होने दे।
मृत्यु तीन गति
मृत्यु के बारे में बताते हुए कहा की मृत्यु की तीन गति होती है जो देश भक्ति करते हुए मरता है वह वीर गति पाता है, और जो भक्ति करते हुए मरता है वह सदगति पाता है। वहीं जो गलत काम करते हुए मरता है वह अधोगति पाता है। इसलिए हम हमेशा भजन-कीर्तन करते रहे ताकी हमें सतगति प्राप्त हो।
भक्ति भाव से करे-
भगवान की भक्ति भाव से करे, जब मनुष्य सभी ओर से हार जाए तो अपन आर्तनाद भगवान को सुनाए वे अवश्य सुनेंगे। भगवान भाव के भूखे है पूरे भाव से अपनी परेशानी को भगवान से कहे तो वह सुनेंगे, जैसे गजराज की पुकार सुन भगवान दौड़े चले आए थे। वैसे ही आप भी जब सभी जगह से हार जाए तो भगवान को ही पुकारे वे आपकी पुकार अवश्य सुनेंगे। जिस प्रकार मोबाइल में नंबर दबाने से फोन लग जाता है वैसे ही माला के माध्यम से नाम जपने से भगवान से भी कनेक्शन मिल जाता है। इसलिए मनुष्य को अधिक से अधिक जप करना चाहिए, जिससे उसका बेडा पार हो जाएगा।
केवल भगवान का नाम ही काफी है.
इसके साथ ही कथा सुनने के जो नियम होते है उसकी भी भक्तों को जानकारी दी तथा भागवत कथा के कई प्रसंगों को सुनाया। पंडित कमल किशोरजी कहा की इंसान से गलतियां होती रहती है, जब आपसे कोई गलती हो जाए तो उस गलती के लिए भगवान का नाम ले उनका नाम ले लेने से कोई आपका कुछ नहीं बिगाड पाएगा। अपनी सारी तकलीफे भगवान को सौंप दे, क्योंकि हम किसी को कोई वस्तु दे देते है तो वह उसकी हो जाती है वैसे ही हम हमारी परेशानियां भगवान को सौंप दे,भगवान उनका हल निकालेगा। कथा के समापन पर यजमानों द्वारा भागवत जी की आरती की गई।

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