झाबुआ लाइव के लिए विपुल पंचाल की रिपार्ट
21 जनवरी 2016 मानगढ़ बलिदान की भूमि है। 1913 में आज से 103 वर्ष पहले अंग्रेजों ने इसी मानगढ़ की पहाड़ियों पर गोविन्द गुरु की संपसभा में उपस्थित लाखों आदिवासी भीलों पर तोपों बरसाकर जलियाँवाला से भी भीषण नर संहार किया था। आज उसी मानगढ़ की बलिदानभूमि के दर्शनार्थ झाबुआ के रामा विकास खंड के युवक 40 से अधिक मोटरसाइकिलों पर सबार होकर श्री झीतरा पणदा के नेतृत्त्व में यात्रा पर रवाना हुये।श्री राजाराम कटारा और श्री भवरसिंह भयड़िया की प्रेरणा से यह यात्रा शिवगंगा झाबुआ के द्वारा आयोजित हलमा की तैयारी हेतु एक उत्साह जन्य सार्थक प्रयास है। इसी तरह एक यात्रा पारा विकासकेन्द्र के 100 अधिक युवाओं द्वारा पहले ही निकाली जा चुकी है। इस वर्ष 14-15 मार्च को हाथीपावा पर प्रस्तावित हलमा की तैयारियाँ झाबुआ आलीराजपुर दोनों जिलों में चल रहीं हैं। इस मानगढ़ यात्रा पर प्रकाश डालते हुये शिवगंगा के प्रमुख कार्यकर्ता श्रीराजाराम कटारा ने बताया कि मानगढ़ की यात्रा समाज की उन्नति के लिये सदैव प्रेरणादायी है।मानगढ़ पर गोविन्द गुरु के नेतृत्व में भीलों ने स्वतन्त्रता की लड़ाई में भाग लिया था, मानगढ़ की पहाड़ी इस बात का जीता जागता प्रमाण हैं। शिवगंगा झाबुआ समाज की उन्नति के लिये बलिदानी भावना से प्रारंभ किया गया उत्तम काम है।
Trending
- तेंदुए के हमले से फॉरेस्ट जवान हुआ घायल
- प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया, हिन्दू संगठन ने किया विरोध
- जीवरी घाटी और माही पुल पर पथराव की वारदात, हमलावर फरार
- मोहर्रम पर ढोल ढमाकों के साथ निकला ताजियों का जुलूस
- श्रावण से पहले शिव भक्ति में डूबा जोबट नगर, 20 किमी लंबी नगर परिक्रमा शुरू
- वॉटर टैंक के अंदर गिरी गाय, गौसेवकों ने रस्सी के सहारे बाहर निकाल कर दिया उपचार
- हरियाली महोत्सव के तहत थाना जोबट के परिसर में किया पौधारोपण
- अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर हुआ विशेष कार्यक्रम, योजनाओं की जानकारी दी
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर काम का बढ़ता बोझ, मानदेय और उत्पीड़न का सवाल
- संघर्ष से सफलता तक : बालिका गृह की बेटियों ने जीता अंतर्राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में स्वर्ण
Next Post