तकरीर के बाद हुई फातेहा, मांगी देश में अमन-चैन की दुआएं

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
सच्चा मुसलमान वह है जो नफरत से दूर रहे। एक-दृसरे की मदद करें ताकि गलत वातावरण को बदला जा सके। हिंदुस्तान की पहचान पगड़ी है, अन्य देशों की तुलना में हिंदुस्तानी मुसलमान अधिक खुश है, जिस प्रकार उर्दू सीखना जरूरी है उस प्रकार हिंदी भी जरूरी है। देश में हर 12 किलोमीटर पर बोली बदल जाती है, खान-पान बदल जाता है फिर भी एकता है। समाज को शिक्षित करा होगा। बेटियां शिक्षित होगी तो देश तरक्की करेगा। यह बाते सागरकुटी से आए हजरत ईनामुला साहब ने कही। वे गुरुवार रात को पंपावती नदी के तट पर स्थित हजरत ओढ़ी वाले दाता (रेअ) के सालाना उर्स मुबारक के मौके पर तकरीर में बोल रहे थे। आपने कहा कि आतंवाद के खिलाफ सभी मुसलमानों को खड़ा होना हागा। इसके लिए समाज को शिक्षित करना होगा। बेटियां शिक्षित होगी तो देश तरक्की करेगा। शहर के ईमाम अब्दुल खालिक साहब ने शहर के इमाम अब्दुल खालिक साहब ने भी तकरीर में कहा मुसलमान पूरी दुनिया में दूसरी कौमों के साथ मोहब्बत पैदा करने का काम कर रहे हैं। दुनिया में बेचैनी का हाल और खुशियां कैसे आती हैं इसका रास्ता बता रहे हैं। दुनिया में दौलत ही सब कुछ नहीं, बल्कि इंसानियत ही सबसे बड़ी दौलत हैं। तकरीर में पूरे समाजजनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। तकरीर के बाद सामुहिक रूप से सलाम पढ़ा गया। इसके बाद फातेहा पढ़ी गई जिसमें विश्व में भाईचारे की मिसाल बना रहे, इसके लिए दुआएं की गई।
सरकार की शान में पेश किए यह शेर-
– की मोहम्मद से वफा से तो हम तेरे हैं, यह जमीन क्या चीज है लौहो कलम भी तेरे हैं। -अल्लाह भी रसूल का ये जन्नत भी रसूल की, दोजख में कैसे जाएगी उम्मत रसूल की।
सौहार्द का दे रहे परिचय
20160526_215309बाबा की दरगाह पर जहां सैकड़ों मुसलमान अकीदतमंद पहुंच रहे हैं। वहीं वर्षो पुरानी इस दरगाह पर नगर के हिंदू समाज की आस्था भी कायम है और उर्स के मौके पर बाबा की दरगाह में हिंदू समाज के दर्शनार्थी भी पंहुचकर दुआएं कर रहे है। उर्स कमेटी के द्वारा दरगाह के साथ ही पास में स्थित भैरवनाथ एवं खेड़ापति मंदिर पर आकर्षक विद्युत सजा की गई है, जो नगर में सामाजिक सौहार्द का परिचय दे रही है।