जो हमेशा न्याय के पक्ष में रहे वही सच्चा पत्रकार – डॉ. वेद प्रकाश वैदिक

0

4झाबुआ लाइव के लिए बामनिया से लोकेंद्र चाणोदिया की रिपोर्ट-
जिला पत्रकार संघ झाबुआ के अध्यक्ष विमल मूथा के शपथ विधि एवं पत्रकार सम्मान समारोह का गरिमामय आयोजन एमडीएच स्कूल बामनिया में देश के प्रख्यात साहित्यकार डॉ. वेद प्रकाश वैदिक नईदिल्ली एवं सार्वदशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के महामंत्री प्रकाश आर्य की गरिमामय उपस्थिति में रविवार को आयोजित किया गया। इस अवसर पर जिलेभर के करीब 225 पत्रकारों ने सहभागिता की। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण के साथ हुआ। इस अवसर पर जिले के वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश भट्ट, सुरेन्द्र कांकरिया, यशवंत भंडारी, कुन्दन अरोड़ा, एवं निवृतमान अध्यक्ष सलीम शैरानी विशेष रूप से उपस्थित रहे। स्वागत भाषण देते हुए सुरेन्द्र कांकरिया ने वेदप्रकाश वैदिक को बहुमुखी प्रतिभा का धनि बताते हुए उनके जीवन के विविध आयामों के बारे में विस्तार से जानकारी देत हुए इन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर का विचारक एवं मूर्धन्य पत्रकार निरूपित किया। इस अवसर पर ओम प्रकाश भट्ट से ग्रामीण पत्रकारिता को लेकर अपने विचार व्यक्त किए। इसके पूर्व मुख्य अतिथि डा. वैदिक ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष विमल मूथा को शपथ ग्रहण करवाई। डॉ. वैदिक ने जिले भर के कोने कोने से आये नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के पत्रकारों तथा इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकारों को संबोधित करते हुए ग्रामीण अंचल के पत्रकारों की व्यथा का जिक्र करते हुए कहा कि सुविधाओं के अभाव में भी वे कर्तव्यधर्म का निर्वाह कर रहे हैं। उन्होंने भर्तहरी के नीति शतक का जिक्र करते हुए कहा कि पत्रकारों को कितनी भी हानि हो जाय, चाहे लोग रिश्वत देने की कोशिशे करें, उन्हे कितना भी आर्थिक नुकसान हो किन्तु लालच एव भय से मुक्त होकर अपना कार्य करना चाहिए, हमेशा न्याय के पक्ष मे रहे वही सच्चा पत्रकार होता है। उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हे कितनी ही बार जहर दिया गया, उन्हे मारने की कोशिशे की गई किन्तु वे डीगे नहीं, जो पत्रकार होता है वह सत्य की राह पर डटे रहता है। सत्य की आज नही तो कल जरूर विजय होती ही है। डॉ. वैदिक ने आगे कहा कि वे भी पत्रकारिता से जुड़े हुए है और उन्हें आज तक कोई भी डीगा नही पाया है। हर पत्रकार को भर्तहरी के बताए पथ पर चलना होगा रोटी, कपडा और मकान की व्यवस्था उपर बैठा भगवान कर ही देगा। डॉ. वैदिक ने लोकतंत्र के तीन स्तंभ के अलावा पत्रकारिता को खबरपालिका की उपमा देते हुए कहा कि यही एक ऐसा कर्तव्य है जो 24 घंटे चलत रहता है। संसद हो या विधानसभा, कोर्ट, कचहरी सरकारी दफ्तर हो सभी को अवकाश मिलता है किन्तु पत्रकारिता को कभी भी अवकाश नहीं मिल पाता। पत्रकारिता लोकतंत्र का हृदय है और उसका हृदय हमेशा जगा हुआ ही रहता है।
हिंदी में दस्तखत करने का दिलाया संकल्प
डा. वैदिक ने ग्रामीण एवं आंचलिक पत्रकारों की महत्ता प्रतिपादित करते हुए कहा कि वही पाठकों के काफी करीब रहती है ,लोकतंत्र में आपका ही अत्यधिक महत्व रहता है। उन्होंने कहा कि स्कूलों मे विदेशी माध्यमों की बजाय अपनी भाषा में पढ़ाई होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि वे प्रधानमंत्री बन जाते तो हिंदुस्तान मे जितने भी स्कूल, कॉलेज, मेडिकल, इंजीनियरिंग कॉलेज है जहां विदेशी भाषा मे पढाई होती है, उन पर प्रतिबंध लगा देता। उन्होंने कहा भी देश सैकड़ों बरसों तक अग्रेजीदासता में रहा है और इसी कारण गुलाम रहे देशों में बच्चों पर अंग्रेजी लादी गई है। हिन्दुस्तान को सुदृढ बनाने के, इसे मजबूत करने के लिए मातृभाषा को सुदृढ बनाना होगा। उन्होने कहा कि राजनैतिक दल मात्र नोट एवं वोट के लिए ही काम करते है। उन्होने उपस्थिति पत्रकारों से संकल्प दिलवाया कि आज के बाद वे सभी समस्त दस्तावेजों में हिंदी में ही हस्ताक्षर करेंगे। हमारे दस्तखत अत्यन्त महत्वपूण है उसे अनुमति पत्र माना जाता है इसलिये दस्तखत आपसे बड़ा होता है।
डा. वैदिक ने चार तरह के आन्दोलन की जरूरत बताते हुए कहा कि प्रथम स्वभाषा का आन्दोलन होनेा चाहिए, दूसरा नशाबंदी का आन्दोलन होना चाहिए क्योंकि कोई भी धर्म नशा करने की अनुमति नही देता है। नशे की आदत से मनुष्य की चेतना का नाश हो जाता है। वही उन्होंने शाकाहार आन्दोलन का जिक्र करते हुए कहा कि कोई भी धर्म मांसाहार करने की पैरवी नहीं करता न ही किसी ग्रंथ में लिखा है मांसाहार नहीं करने से कमजोर हो जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सारे पडोसी देशों को जोड़कर एक आर्यावृत फिर से खड़ा करना होगा क्यो सभी लोग आर्य ही है।
पाकिस्तान के संबंध में विचार व्यक्त करते हुए अपने अनुभवों एवं भ्रमणों का जिक्र करते हुए डॉ. वैदिक ने कहा कि वहां आम आदमी घनघोर पश्चाताप में है । वहां पर फौज का ही डर बना हुआ है आम आदमी एवं राजनैतिक नेताओं पर फौज का खौफ है इसलिए भारत सरकार को कश्मीर समस्या को लेकर पाकिस्तान सरकार नहीं वहां की फौज से बात करना चाहिए। उन्होंने बताया कि कश्मीर समस्या के निराकरण के लिए दोनो देशों के हिस्से के काश्मीर एवं दोनो देशों की सरकार बैठ कर इसका निराकरण कर सकते हैं। डॉ. वैदिक ने कहा कि अमेरिका, रुस, सउदी अरब यदि पाकिस्तान को मदद करना बंद कर दे तो पाकिस्तान पूरी तरह टूट जाएगा और काश्मीर समस्या का हल इसी से संभव है ।
इनका हुआ सम्मान
मुख्य अतिथि डा. वेदप्रताप वैदिक के कर कमलों से साथ ही स्वंतंत्र ऐलान के संपादक यशवंत भंडारी, चन्द्रभान सिंह भदौरिया, संजय जैन, सचिन जोशी, अलोक दिवेदी, हरीश यादव एवं जिले के विभिन्न अंचलों के पत्रकारों को अपने हाथों द्वारा प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष विमल मूथा, सत्यनारायण शर्मा, राजेश सोनी, मोनु बाफना, लोकेन्द्र चाणोदिया, अली असगर बोहरा, अर्पित भंडारी, मोहनलाल पडियार, सलीम शेरानी, ओमप्रकाश भट्ट, सुरेन्द्र कांकरिया, यशवंत भंडारी, कुंदन अरोडा आदि ने डॉ. वैदिक एवं आर्य का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया ।

Leave A Reply

Your email address will not be published.