खवासा: आगामी ३१ जनवरी को होने वाले त्रिस्तरीय चुनावों के अंतर्गत स्थानीय ग्रामवासियों को खवासा पंचायत का मुखिया भी चुनना है. गाँव की ऐसी कई समस्याएँ है जिनका निराकरण आज तक नहीं हुआ है. ग्रामवासी उन समस्याओ के निराकरण के साथ नई सुविधाएं उपलब्ध करवाने की क्षमता रखने वाले प्रत्याशी को अपना मुखिया चुनना चाहते है. पेश है ”झाबुआ आजतक” की रिपोर्ट उन समस्याओं और सुविधाओ पर जो इस बार पंचायत चुनाव का मुख्य मुद्दा होंगी.
- मुक्त हो मुक्तिधाम: बाजना रोड स्थित गाँव का मुक्तिधाम पिछले कई वर्षो से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. यहाँ न तो लकड़ी की व्यवस्था है न ही बाउंड्रीवाल है. ऐसे में कोई भी शोक प्रसंग उपस्थित होने पर परिजनों को अपने स्तर पर लकड़ी की व्यवस्था करनी होती है. बाउन्ड्रीवाल नहीं होने से यहाँ कई लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है. इस अतिक्रमण को हटाना एक चुनोती भरा काम है.
- नियमित जलप्रदाय: ग्राम गर्मी के समय में जल संकट की चपेट में रहता है. यहाँ अमूमन ६ से ७ दिनों में एक बार जल प्रदाय होता है. जल संकट से निपटने के लिए यहाँ पानी की टंकी भी बनी हुई है लेकिन वह भी कई सालो से उपेक्षित है. हालांकि वर्तमान सरपंच जैनिबाई भूरिया ने जलसंकट की समस्या से निपटने के कई कारगर कदम उठाये है. जिनमे ढोलखरा डेम से पाईपलाइन डाली गई है और नल कनेक्सन से वंचित क्षेत्रो में कनेक्शन जोड़े गए है.
- सुव्यवस्थित चौराहा: स्थानीय चौराहा अतिक्रमण की चपेट में है. चौराहा और बस स्टैंड एक ही जगह होने से कई मर्तबा जाम की स्थिति भी निर्मित होती है. जहाँ तहां यात्री खड़े करने और ठेलागाडीयाँ खड़े करने से लोगो को काफी परेशानी होती है. ऐसे में चौराहे को व्यवस्थित किया जाना अत्यंत आवश्यक है.
- तहसील का दर्जा मिले: खवासा को अभी टप्पा तहसील का दर्जा प्राप्त है. जो भी सिर्फ कागजो तक सिमटा हुआ है. लोगों को तहसील से सम्बंधित छोटे छोटे कार्यों के लिए थांदला जाना पड़ता है. क्षेत्र के तलावाडा,केशरपुरा आदि गावों के लोगो को थांदला जाने के लिए ४०
किमी का सफ़र तय करना होता है. खवासा को तहसील का दर्जा मिलने के बाद लोगों को इतनी दुरी तय करके थांदला नहीं जाना पड़ेगा. यह क्षेत्रवासियों के लिए सबसे बड़ी सुविधा होगी. - थाने का दर्जा: खवासा में अभी पुलिस चौकी है जिसका कार्यक्षेत्र करीब २० किमी तक फैला हुआ है. खवासा चौकी में करीब ४५ से ५० गाँव आते है ऐसे में अपराधियों से निपटना पुलिस के भी चुनोती भरा काम है. खवासा राजस्थान की सीमा से सटा हुआ है इस द्रष्टि से भी यहाँ थाना बनाया जाना आवश्यक है. थाने की मांग भी बरसो पुरानी है.