जिला चिकित्सालय का कम्पाउंडर बना डॉक्टर, मरीजों की जान के साथ खिलवाड़

May

झाबुआ लाइव के लिए मेघनगर से भूपेंद्र बरमंडलिया की रिपोर्ट-

रोड पर फेेंकी की गई शासकीय दवाइयां
रोड पर फेेंकी की गई शासकीय दवाइयां
इस तरह घर पर करता है इलाज
इस तरह घर पर करता है इलाज

गुरूवार के दिन बड़ा घोसलिया पंचायत के किशनपुरा फलिया में शासकीय दवाइयों को अवैध रूप से रोड के समीप शरारती तत्वों द्वारा फेेंक दिया गया था जिसकी खबर अखबारों की सुर्खियां बने थे। बीएमओ डॉ विक्रम वर्मा द्वारा ग्राम पंचायत बड़ा घोसलिया निवासी ग्राम गडूली के कमलसिंह हाड़ा जो कि जिला चिकित्सालय झाबुआ में कम्पाउंडर के पद पर कार्यरत है उनके घर पर शुक्रवार को बीएमओ विक्रम वर्मा के द्वारा जांच के दौरान शासकीय दवाइयों का जखीरा बरामद किया गया। आश्चर्य की बात यह है कि जहां झाबुआ जिले में गरीब आदिवासियों को शासकीय अस्पतालों में दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पाती है जिसके चलते मजबूरन उन्हें बाजार से रुपए देकर दवाईयां खरीदनी पड़ती है जिससे गरीब वर्गों पर एक तो बीमारी की मार और उस पर से पैसों का भी बोझ उठाना पड़ रहा है। जहां एक ओर सरकार ने गरीब वर्गों के लिये शासन की अनेकों योजनाओं को प्रदेश में लागू कर रखा है जैसे चलित अस्पताल, 108 एम्बुलेंस सेवा, जननी सुरक्षा योजना सहित अनेकों योजनाओं पर सरकार द्वारा अरबो-खरबों रुपए खर्च किए जाते हैं परंतु भ्रष्ट, लापरवाह अपने स्वार्थ के लिये अन्य व्यक्तियों को बलिदान लेने वाले भक्षक कर्मचारी चंद रूपयों के खातिर किसी के भी स्वास्थ्य के खिलवाड़ कर अपनी जेबे गरम करने मे लगे हुए है। ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों को उच्चाधिकारियों का खौफ तो खत्म हो चुका है। समय रहते ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई नहींकी तो यह सरकार को बदनाम कर सरकारी की योजनाओं पर पलीता ऐसे ही लगाते रहेंगे। मामला इस प्रकार है कि शुक्रवार के दिन रोड के समी फेेंकी गई दवाइयों की जांच पड़ताल के बाद पता चला कि उक्त दवाइयां एक कम्पाउंडर जो जिला चिकित्सालय में पदस्थ है वह मरीजों का इलाज कर रहा था। ऐसे में जब विक्रम वर्मा उनके निवास पर पहुंचे और वहां जाकर देखा तब मरीजों को बॉटल चढ़ाई जा रही थी व इलाज भी चल रहा था साथ सभी प्रकार की दवाइयो का जखीरा पाया गया। ऐसे में सवाल यही है कि एक कम्पाउंडर जिसे इस प्रकार के निजी चिकित्सालय चलाने व इलाज करने का कोई अधिकार नहीं साथ ही उनके पास एसी की डिग्री या लाइसेंस नहीं है फिर भी वह अपने घर पर बेधड़क चला रहा है। इस प्रकार का दवाखाना और शासकीय दवाइयों का उपयोग कर रहा है। लेकिन एक कम्पाउंडर के यहां इस प्रकार की शासकीय दवाइयों का उपयोग कर मरीजों से भारी भरकम राशि वसूल की जा रही है। कमलसिंह हाड़ा के घर एक दवाई ऐसी भी पाई गई जो कि मेघनगर स्वास्थ्य केन्द्र पर कई महीनों से उपलब्ध नहीं है साथ ऐसी कई प्रकार की एलोपैथिक दवाइयां रखी हुई थी उन्हें विक्रम वर्मा द्वारा जब्त किया गया।
क्या कहते हैं जिम्मेदार –
मैं अभी व्यस्त हूं और कार्रवाई की बात करें तो आप बीएमओ से चर्चा कर लो।                                     – अरूण शर्मा, सीएचएमओ, झाबुआ