झाबुआ लाइव डेस्क । पेटलावद विकासखंड में हुए छात्रवृति घोटाले को लेकर आखिरकार जिला प्रशासन ने एक जाँच टीम बनाकर संकुल केन्द्र पेटलावद भेजा। लेकिन यह टीम रात के अँधेरे में पेटलावद पहुँची जो जिला प्रशासन के की जाँच में सचाई उजागर करने पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है। खेर फ़िलहाल सारे दस्तावेज लेकर टीम जिला मुख्यालय के लिए रवाना हो गई।
बिना हटाए जाँच, सब कुछ गोलमाल-
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छात्रवृति घोटाले में मुख्य आरोपी बन सकने वाले विभाग प्रमुख को यहाँ से हटाए बिना जाँच करना अनेक प्रकार के संदेह को जन्म देता है। जिला स्तर के अधिकारी महज कुछ लालच में इस प्रकार के कृत्य को अंजाम देने वाले मुख्य को पनाह देकर बचाने का प्रयास कर रहा है।
बिना जाँच रिपोर्ट के विभाग प्रमुख पहुँचे एफ आईआर कराने, पुलिस ने लोटाया उलटे पैर-
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छात्रवृति घोटाले में खुद को पाक साफ़ बताने वाले विभाग प्रमुख जिला अधिकारियो से सांठ गाँठ कर पेटलावद में मंगलवार देर शाम को अधिनस्थ बाबू के खिलाफ एफआईआर करवाने पहुँच गए। लेकिन उनके पास उचित कागजात जो एफआईआर के लिये पुलिस को चाहिए थे नहीं दे पाने के कारण पुलिस ने उलटे पैर लोटा दिया।
जिला प्रशासन का निर्णय, दोषी को बचने का-
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जिला प्रशासन का यह निर्णय सीधा सीधा दोषी मुख्य अधिकारी को बचाने का प्रतित होता है। बिना विस्तृत जाँच के बाबू के खिलाफ तो एफआईआर करवाने चाहा। लेकिन इसमें और भी लोग शामिल हो सकते है इस बात की जाँच नहीं करवाई।
रात के अंधेरे में आरोपी हो सकते विभाग प्रमुख के सामने ही जाँच का ढोंग-
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मंगलवार को रात के अंधेरे में कन्या स्कूल में जाँच के नाम पर जिला स्तर से भेजे तीन कर्मचारियों की टीम जिसमे एक लेखापाल और दो तृतीय वर्ग के कर्मचारी के शामिल थे ने आरोपी हो सकते विभाग प्रमुख के सामने कैसे जाँच की होगी यह प्रशासन की निष्पक्षता पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।