चार नाबालिग बालिकाओं के वापस घर लौटने पर पुलिस ने ली राहत की सांस

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 बाहर ग्रामीणों का लग रहा जमावडा
बाहर ग्रामीणों का लग रहा जमावडा

झाबुआ लाइव के लिए पिटोल से भूपेंद्र नायक की रिपोर्ट-
समीपस्थ ग्राम कालाखूंट के बबेरिया फलिया से 15 जून को चार नाबालिग आदिवासी लड़कियों के लापता हो जाने के बाद से परिजनों एवं पुलिस की नींद हराम हो गई थी किन्तु शुक्रवार को उनके वापस लौट आने से सभी ने राहत की सांस ली । दरअसल यह लड़कियां अपनी एक सहेली को उसकी मा के डांटने के बाद नाराज होकर घर से निकली थी जो कि घर से निकलने के बाद यहां से 250 किलोमीटर दूर गुजरात के शहर के भरूच जा पहुंची। शनिवार लडकियों से मिलने पहुंची अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीमा अलावा ने चारों नाबालिग बालिकाओं से अलग-अलग चर्चा कर उनके साथ किसी भी प्रकार का अपराध घटित न होने की पुष्टि की है।
घर पर बगैर बताये सहेली का साथ निभाने चल दी घर से-
मां की डांट से नाराज नैना (परिवर्तित नाम) गांव के एक हैंडपम्प पर अपनी सहेलियों से मिली एवं घर से भाग जाने का मन बना लिया किन्तु सहेलियों ने उसे अकेले नही जाने दिया और चारों उसके साथ चल दी। रात में यह चारों पिटोल के एक पेट्रोल पंप पर रुकी एवं सुबह जल्दी 4 बजे एक तूफान जीप से दाहोद पहुंची दाहोद से ट्रेन में बैठकर गुजरात के भरूच जाना चाहती थी किन्तु जानकारी नही होने से गोधरा उतर गई बाद में पता चला की यह भरूच नहीं है चारों स्टेशन पर ही रुकी रही 20-20 रूपये में स्टेशन पर खाना खाकर रात 8 बजे ट्रेन में बैठकर भरूच पहुंची, किन्तु वहां मजदूरी कर रहा नैना का भाई उसे नही मिला जिसके पास वह जाने के लिए घर से निकली थी। भरूच में भाई की तलाश के बाद वापस ट्रेन से दाहोद आ गई जहां उन्हे एक ड्राइवर ने पहचान लिया एवं घर वालों को फोन से सूचना की। सूचना के बाद परिजन उन्हे दाहोद जाकर वापस ले आए। मां अपनी बेटी के किसी से फोन पर बाते करने को लेकर नाराज हुई थी। यह सभी बालिकएं घर का काम करने के अलावा खेत खलिहान में काम करने व मवेशी चराने का काम करती थी इनमें से एक लड़की पढने जाती थी लेकिन अब उसने भी पढना छोड दिया था। इधर गांव एवं आसपास के क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाओं के बाद पुलिस के समक्ष लड़कियों के हुए बयानों में प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई की उनके साथ किसी प्रकार का कोई अपराध नहीं हुआ है।
पुलिस ने नाबालिक लडकियों के लापता होने की सूचना के बाद आईपीसी की घारा 363 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर तलाश शुरू की थी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद सख्त हुई न्यायालयीन प्रक्रियां में सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिको के लापता होने की स्थिती में प्रथम दृष्टया व्यपहरण का मामला दर्ज करने पर बल दिया था। चारों नाबालिग लड़किों से सीआरपीसी की घारा 161 के तहत एएसपी सीमा अलावा, उपनिरीक्षक आशुतोष मिठास व एएसआई अनिता तोमर की एक टीम ने बयान लेकर न्यायालय पेश किया जहां से उन्हे परिजनों के सुपूर्द किये जाने की बात कही।
कालाखूंट ग्राम की 4 नाबालिग लड़कियों की सूचना के बाद पिटोल चौकी पर कायमी की गई थी, लड़कियां सुरक्षित लौटकर आई है उनके साथ कोई अपराध घटित नहीं हुआ है जिन्हे न्यायालय से परिजनों के हवाले कर दिया जाना है।
-सीमा अलावा, एएसपी