खाद-बीज जांचने पहुंची टीम, हुई सिर्फ रस्मअदायगी

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
बरसात का मौसम प्रारंभ होते ही किसानो को सबसे पहली आवश्यकता अच्छी एंव उन्नत किस्म के बीज की आवश्यकता फसल बोने के लिए होती है कई बार किसान अज्ञानतावंश नकली बीज खरीद कर रोप देते है, और बीज की खराबी के चलते पुरी फसल बर्बाद कर बैठते है पिछले कुछ वर्षो से नकली बीज के चक्कर में आकर किसान नुकसान उठा रहे है। इस वर्ष भी बीज की दुकाने पुरे क्षेत्र मे सज चुकी है किन्तु कोन सा बीज नकली है इस बात की पहचान आज भी किसान नही कर पा रहे है। इस वर्ष किसान नकली बीज के फेर में पड़कर नुकसान न उठाये इसके लिए प्रशासन के द्वारा कार्रवाई की जा रही है।
दल गठित कर जांच की —
जिला कलेक्टर डॉ श्रीमति अरूणा गुप्ता के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी सीएस सोलकी के द्वारा नगर मे अमानक बीजों की जांच के लिए टीम गठीत कर कार्रवाई को अंजाम दिया। टीम में प्रभारी तहसीलदार अतरसिंह कनेश, नायब तहसीलदार जीएस सोलंकी के द्वारा कृषि अधिकारी विश्वकर्मा के साथ मिलकर नगर की चौधरी टे्रडर्स, महावीर मोटर्स, पृथ्वी कृषि सेवा केन्द्र व नेम कुमार बरवेटा की दुकान समत रायपुरिया के बीज विक्रेता वर्धमान निमजा एंव विकास ऐग्रो के प्रतिष्ठानों पर जाकर जांच की। जंाच के दौरान दल को किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं मिली। साथ ही कृषि विभाग एंव दल के द्वारा प्रतिष्ठानो पर आवश्यक निर्देश भी दिए। दल में हलका पटवारी हिम्मतसिंह देवलिया व कृषि विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे।
नगर मे चर्चा का विषय —
प्रशासन के द्वारा बीज विक्रेताओं के यहां बीज की जांच करने को नगर के व्यापारियों द्वारा अपने अपने स्तर से अलग अलग प्रतिक्रियाए व्यक्त की। व्यापारियो का मानना है की प्रशासन के द्वारा मात्र दिखावे के नाम पर सीधे साधे उन व्यापारियों को परेशान किया जाता है, जिनके द्वारा उन्नत किस्म के बीज विक्रय किये जा रहे है। जबकी कृषि विभाग की सह पर ऐसे भी कई व्यापारी क्षेत्र मे मौजूद है जिनके द्वारा खुले आम विभाग से साठ गाठ कर अमानक बीजों का विक्रय खुले आम धड़ल्ले से किया जा रहा है। कृषि विभाग का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इन नकली बीज व्यापारीयो पर कार्यवाही नही करता है आज भी कृषि विभाग के द्वारा पहले उन्नत बीज विक्रेताओ के यहां कार्यवाही करना प्रारंभ की जिसकी जानकारी मिलते ही नकली बीज व्यापारी अपने प्रतिष्ठान बंद कर के चलते बनें। कृषि विभाग की मेल जोल से कार्यवाही के लिये गठीत दल भी अपने आप को ठगा सा महसुस करता है।