क्रांतिकारी महानायक शिरोमणि क्रांतिसूर्य इंडियन रॉबिनहुड के शहादत दिवस पर जिले के हजारों आदिवासी समाज के लोग उमड़े

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फिरोज खान, ब्यूरो चीफ अलीराजपुर

आदिवासी समाज के लोगों ने प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी जिले भर से रैली के रूप में चारों ओर से हजारों की संख्या में पहुचे स्थानीय टंकी ग्राउंड परंपरागत वाद्य यंत्रों के साथ पहुँचे,जहाँ से मुख्य मार्ग से होते हुये टंट्या भील मामा चौराहे पहुच कर टंट्या भील मामा गाता पर आदिवासी संस्कृति के अनुरूप परम्परागत तरीके से गायणा कर पूजारा,पटेल, बडवो के द्वारा देशी दारू की धार डालकर, बकरे एवं मुर्गे की बली देकर पूजा पाठ संपन्न की गई।
सुबह से ही आदिवासी समाज जन गाते की पूजा एवं आशीर्वाद के लिए आना जाना दिन भर चलता रहा तथा मन्नतधारी लोगों की भीड़ उमड़ी ओर आदिवासी समाज की संस्कृति बचाने के लिए एकता का परिचय दिया।

कुछ लोग नकली मामा बनने का नाटक कर रहे हैं टंट्या भील मामा ही हमारे आदिवासियों का असली मामा हैं
शहादत दिवस के अवसर पर गुजरात से आये वक्ता प्रोफेसर अर्जुन भाई राठवा ने कहा कि टंट्या भील मामा ने आदिवासियों के लिए कुर्बानी दी है, गरीब बहनों की शादियां करवाई,भूखे को भोजन की व्यवस्था कर भोजन स्वयं भूखा रहकर कराते थे।कुछ लोग इतने गिर गये हैं कि टंट्या भील मामा की तुलना नकली मामा से की जा रही है,और नकली मामा अपने स्वार्थ के लिए आज क्या क्या कर रहे हैं, अपने वोट बैंक के लिए आदिवासियों को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है।हमारा टंट्या भील मामा ही असली मामा है,दूसरा मामा आदिवासियों को मंजूर नहीं है। शंकर भाई तड़वाल ने आदिवासी बोली में क्रांतिकारी महानायक शिरोमणि इंडियन रॉबिनहुड टंट्या भील मामा की विस्तृत एवं प्रमाणित जानकारी से परिचय कराते हुये अवगत किया गया है। जोबट के रमेश डुडवे कहा कि यह आदिवासी समाज के जन संगठनों की ताकत है कि आपकी गूंज दिल्ली से भोपाल तक सुनाई दे रही है।इतने सालों से पार्टियों के लोगों को टंट्या भील मामा एवं बिरसा मुंडा याद नही आया है,अब अचानक क्या हो गया है,आदिवासी लोग आपके नाटक को समझ गए हैं।शंकर बामनिया ने कहा कि सभी आदिवासी सामाजिक संगठनों का एक उद्देश्य है,आदिवासी को अब एक बाटली में खरीद नही सकते हैं।आदिवासी अब समझदार हो गए हैं।भाबरा आए आये बंसन्त अजनार ने टंट्या भील मामा के बलिदान के ऊपर प्रेरणाप्रद एवं क्रांतिकारी गीत गाकर अदारांजलि दी गई।जिला कांग्रेश अध्यक्ष महेश पटेल ने कहा कि टंट्या भील मामा के नाम से प्रेरणा केंद्र स्थापित करने के लिए टंट्या मामा गाता के पीछे पुराने थाने की खाली जमीन को आदिवासी समाज को अलाट करने की मांग एवं जिले के आदिवासी क्रांतिकारी सौरवा के छितु किराड़ की पुरानी गढ़ी को छितु किराड़ प्रेरणा केंद्र स्थापित करने की स्वीकृति आदिवासी विकास विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा होने के बाद भी लापरवाह अधिकारी काठीवाड़ा तहसिदार दबाके बैठा है जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक तत्काल कार्यवाही करने की मांग की गई है।साथ ही संयुक्त कलेक्टर कार्यालय के सामने बगीचे में धरती पुत्र क्रांतिसूर्य भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति लगाने की मांग की हैं,जिसकी आदिवासी समाज लंबे समय से मांग करने आये हैं।जोबट में भी बहुत जल्द बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडर की मूर्ति समाज के सहयोग से लगाने की बात की हैं।मध्यप्रदेश सरकार वास्तविक आदिवासियों की हितैषी हैं तो उक्त मांगे तत्काल करें,आदिवासी विकास विभाग का करोडों रुपए भोपाल एवं इंदौर ले जाकर पानी की तरह बहाये जा रहे हैं।जयस मध्यप्रदेश प्रभारी मुकेश रावत सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान जी आप आदिवासियों के हितैषी हैं,तो 5वीं अनुसूची तत्काल लागू करें,ओर संवैधानिक हक अधिकार देवे एवं आदिवासी समाज के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को परेशान करना छुड़ दे,अन्यथा आने वाले समय में आदिवासी समाज मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार है।क्षेत्रीय विधायक मुकेश पटेल ने कहा कि वर्तमान सरकार ढोंग कर आदिवासियों के करोड़ो रुपये बर्बाद किया जा रहा हैं, कार्यक्रम को नवलसिंह मण्डलोई, ने भी संबोधित किया। स्वागत भाषण युवा अरविंद कनेश ने दिया,संचालन विक्रम सिंह चौहान एवं आकास जिला उपाध्यक्ष केराम सिंह जमरा में माना।रात भर गायणा एवं पूजा पाठ का निरंतर जारी है।

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