केंद्र सरकार गांवों में पहले रोजगार दे, फिर ग्राम उदय की बात करे : भूरिया

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झाबुआ। केंद्र सरकार ग्राम उदय से भारत उदय अभियान चला रहीं है और इसके माध्यम से गांवों में जाकर भाजपा के जिम्मेदार लोगों द्वारा ग्रामीणों को भ्रमित करने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन वास्तविक स्थिति कुछ ओर है। गांवों में ग्रामीण रोजगार के लिए तरस रहे है और पलायन करने को मजबूर है, ऐसे में सरकार यह अभियान चलाकर क्या साबित करना चाहती है। यह बात कहते हुए जिला पंचायत एवं जिला कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष कलावती भूरिया ने 24 अप्रैल को जिले की 376 ग्राम पंचायतों के प्रधानमंत्री के सीधे प्रसारण पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रसारण कर केंद्र सरकार ग्रामीणों को उल्लू बनाने का कार्य न करे और केवल सपनों के सब्जबाज ना दिखाए।                             ग्रामीणों को भ्रमित कर रहीं भाजपा-                                     भले ही भाजपा ने वाहवाही लूटते हुए इस कार्यक्रम को अपने स्तर पर सफल साबित कर दिया हो, लेकिन ग्राम पंचायतों में आज ग्रामीणों की स्थिति बेहद लचर हो चली है। गांवों में ग्रामीण रोजगार के लिए भटक रहे है।

आर्थिक बोझ आया
भूरिया ने आगे बतया कि शादियों का दौर होने उन पर आर्थिक बोझ आ गया है, जिसकी पूर्ति उन्हें कर्जा लेकर करना पड़ रहीं है। भारी भरकम राशि के बिजली बिल आ रहे है। ग्रामीण क्षेत्रो में सड़कों की हालत खस्ता है। ग्रामीण रोजगार के अभाव में पलायन को मजबूर है। मनरेगा जैसी योजना आज ग्रामीण क्षेत्रों में ठप्प सी हो गई। रहवासी पानी के लिए दर-दर भटक रहे है। ऐसे में केंद्र सरकार की ग्राम उदय से भारत उदय अभियान को उन्होंने महज औपचारिक बताया है। युवा कांग्रेस नेता डॉ. विक्रांत भूरिया, जिला कांग्रेस महामंत्री हेमचंद डामोर, जितेन्द्र प्रसाद अग्निहोत्री, जिला युवक कांग्रेस अध्यक्ष आशीष भूरिया, कांग्रेस प्रवक्ता हर्ष भट्ट, आचार्य नामदेव आदि ने भी कहा कि सरकार इस अभियान के माध्यम से केवल ग्रामीणों को सपना न दिखाएं और भम्रित करने का कार्य न करे, धरातल स्थल पर ग्रामीणों की स्थिति का ऑकलन करते हुए उस अनुसार कार्य करे।