किसानों को रुला रही प्याज, देसी भंडारण में जुटे किसान

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प्याज का स्टोरेज करते किसान
प्याज का स्टोरेज करते किसान
प्याज को पंखों के माध्यम से सुखाया जा रहा है।
प्याज को पंखों के माध्यम से सुखाया जा रहा है।

झाबुआ। खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए सरकार कितने भी जतन कर ले पर किसानों को अब प्याज खून के आंसू रुला रही है। खरीदी केंद्र पर प्याज सरकार भले ही छह रुपये किलो खरीद रहा है, लेकिन किसानों को घाटे का सौदा लग रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र में प्याज की बंपर पैदावार के कारण भाव नहीं मिल पा रहे है। जिधर नजर घुमाओ प्याज के ढेर खेतों में नजर आ रहे है। सरकार ने भले ही प्याज खरीदी केंद्र स्थापित किए हो लेकिन ग्रामीण क्षेत्र से प्याज को खरीदी केंद्र तक ले जाने का भाडा भी महंगा लग रहा है। ऐसे में किसानों की हालत एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाइ जैसी स्थिति नजर आने लगी है। किसान ईश्वरलाल पटेल ने बताया कि मैंने चार बीघे में प्याज लगाया और पैदावार 300 क्विंटल के लगभग हुआ। खेती-किसान व खाद-बीज दवाई मजदूरी का टोटल खर्च एक लाख 20 हजार रुपए हुआ। सरकार ने खरीदी केंद्र लगाए हे जो की पचास किलोमीटर दूर है जहां ले जाने का खर्चा जोड़ों तो प्याज भी घाटे का सौदा साबित होगा। इसलिए हमने घर पर ही देसी प्याज भंडारण बनाया है।

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