अच्छे दिन लाने वाली भाजपा सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर खामोश क्यों ? – जिला कांग्रेस

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झाबुआ । जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सांसद प्रतिनिधि डॉ.विक्रांत भूरिया, कोषाध्यक्ष प्रकाश रांका, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष हेमचंद्र डामोर एवं प्रवक्ता हर्ष भट्ट ने बताया कि देश-प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उच्चतम स्तर पर आये उछाल को लेकर केंद्र-राज्य सरकारों और ‘अच्छे दिन’ के पैरोकारों पर राजनैतिक हमला बोलते हुए कहा है कि वे अब कहां है और आम उपभोक्ताओं के साथ प्रतिलीटर 34 से 40 रुपए की हो रही ‘‘राजनैतिक लूट’’ पर खामोश क्यों है ? उन्होंने प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चैहान से भी यह जानना चाहा है कि यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल-डीजल के दामों के विरोध में उनके सहित सभी मंत्री-मंडलीय सहयोगियों व अधिकारियों को अपने शासकीय बंगलों से मंत्रालय तक सायकलों से जाने के दिये गये निर्देश और इस बाबत् खरीदी गई लाखों रुपए की साइकिलें अब कहां हैं ? जिला कांग्रेस अध्यक्ष मेहता ने सवाल किया कि जो यूपीए सरकार के दौरान मामुली वृद्वि पर इतना बडा हव्वा खडा करते थे आज वे कहां है। उनके प्रवक्ता भी आज चुप क्यों है। डॉ.विक्रांत भूरिया ने कहा कि तत्कालीन यूपीए सरकार के दौरान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रूड आईल की कीमतें 147 डॉलर प्रति बैरल थी और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में मनमोहनसिंह सरकार द्वारा उपभोक्ताओं के हित में अरबों रूपयों का वित्तीय घाटा उठाते हुए उन्हें पेट्रोल-डीजल उपलब्ध कराया जा रहा था। आज जबकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रूड आईल की कीमत घटकर मात्र 47 डॉलर प्रति बैरल तक आ पहुंची है और आम जनता को ‘अच्छे दिनों’ के सब्जबाग दिखाने वाली नरेन्द्र मोदी सरकार 34 से लेकर 40 रुपए, प्रतिलीटर की ‘राजनैतिक लूट’ के माध्यम से आम उपभोक्ताओं से जबरिया वसूली कर रही है। देश की राजधानी दिल्ली-मुंबई में पेट्रोल 80 रुपए लीटर तो मप्र में 79 रुपए प्रतिलीटर मिल रहा है। डीजल 64 रुपए प्रतिलीटर से अधिक बिक रहा है और घरेलू गैस के दामों में भी उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है। जिला कांग्रेस ने यह भी कहा है कि मप्र सरकार 20 दिसम्बर 2014 से पेट्रोल पर 31 प्रतिशत और डीजल पर 27 प्रतिशत वेट वसूल रही है, हैरानी की बात तो यह है कि इनके अलावा पेट्रोल और डीजल पर 1-1 प्रतिशत प्रवेश शुल्क भी वसूला जा रहा है, जिससे सरकार को सालाना 9 हजार करोड़ रूपयों की अतिरिक्त कमाई हो रही है। साथ ही आम उपभोक्ताओं और पेट्रोल पंप मालिकों की भी इस विषय दाम करने हेतु सरकार से की गई अपील को नजरअंदाज करने और वित्त मंत्री जयंत मलैया द्वारा पेट्रोल-डीजल के दामों में शामिल किये जा रहे जबरिया टेक्स को हटाये जाने की मांग पूरी तरह खारिज कर दिये जाने के बयान की भी घोर निंदा की है।