झाबुआ / अलीराजपुर लाइव डेस्क के लिऐ विशेष संवाददाता ” जितेंद्र राठौड ” की रिपोर्ट ।
ज़रा इस चेहरे को गौर से देखिये. टीवी में, अखबारों में और सोशल मीडिया पर ये चेहरा आपको कम देखने को मिलेगा. लखनऊ वालों को छोड़ दें तो शायद ही मार्केटिंग के इस दौर में इस चेहरे को कोई पहचान पाये. इसीलिए गौर से देखिये.
2017 के निर्णायक यू पी के चुनाव में अगर बीजेपी जीती तो यही चेहरा सारा हिन्दुस्तान देखेगा. जी हाँ, ये है लखनऊ के मेयर दिनेश शर्मा जो कुछ साल पहले लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्राध्यापक के तौर पर जाने जाते थे. लेकिन आज दिनेश शर्मा यूपी के सबसे ताकतवर बीजेपी नेताओं में है जो सीधे प्रधानमंत्री मोदी को रिपोर्ट करते हैं. बीजेपी अगर 2017 में विजयी हुई तो दिनेश शर्मा…देवेन्द्र फड़नवीस की तरह यूपी के नए मुख्य मंत्री हो सकते हैं.
मोदी के संपर्क में आने के बाद हुआ सूर्योदय
दिल्ली में मोदी के आगमन के बाद ही दिनेश शर्मा के भाग्य का सूर्योदय हुआ है. सच तो ये है की प्रधानमंत्री बंनने के बाद मोदी ने दिनेश शर्मा को अपने राज्य गुजरात का प्रभारी बनाया. यही नही उन्हें अमित शाह के सहयोगी के तौर पर पार्टी का राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी बनाया गया. आज की तारीख में दिनेश शर्मा गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर हर राज्य मंत्री और हर मसले पर नज़र रखते हैं और सीधे मोदी को रिपोर्ट करते हैं. सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह और कलराज मिश्रा के केंद्र में मंत्री बनने के बाद दिनेश शर्मा का कद यूपी में बढ़ा है.
अमित शाह के भी हैं बेहद करीबी
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी जानते हैं कि दिनेश शर्मा की हॉटलाइन सीधे प्रधानमंत्री निवास से जुडी है और अमित शाह भी उनके बिना कोई बड़ा फैसला राज्य के बारे में नही लेते हैं. सच तो ये है कि यूपी के मुख्यमंत्री का ख्वाब देख रहे वरुण गांधी को भी अब दिनेश शर्मा का बढ़ता कद सताने लगा है.
ईमानदार छवि है शख्सियत की खूबी
मोदी के एक नज़दीकी ने इंडिया संवाद को बताया की दिनेश शर्मा की राजनीति करने का लो-प्रोफाइल स्टाइल और ईमानदार छवि मोदी को भा गयी है. मोदी उन पर इतना भरोसा करने लगे हैं कि गुजरात से लेकर यूपी और राष्ट्रीय मुद्दों से लेकर पार्टी के अंदरूनी मामलों में भी दिनेश शर्मा से मशविरा लेते हैं. उधर लखनऊ के नगर निगम के सूत्रों ने बताया कि दिनेश शर्मा के कार्यकाल में जितना काम निगम में हुआ है उतना शायद पहले नही हुआ. शर्मा आज भी सादगी के साथ निगम के अपने दफ्तर में बैठते हैं और उनके साथ काम करने वाले पार्षदों को ये अहसास तक नही होता की वो अमित शाह के बाद पार्टी में मोदी के सबसे भरोसे मंद नेता है.
घर आते-जाते थे अटल बिहारी
ऐसा कहा जाता है की कई दशक पहले दिनेश शर्मा का परिवार राजस्थान से यूूू पी आकर सेटल हुआ था और उनके पिता के आरएसएस से नज़दीकी रिश्ते होने के कारण परिवार में बीजेपी के बड़े बड़े नेता भी आते थे. अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर कलराज मिश्रा तक का दिनेश शर्मा के घर आना जाना था. इस बीच दिनेश शर्मा ने लखनऊ विश्विद्यालय की राजनीति के साथ-साथ पार्टी में भी सहयोग देना शुरू किया और जल्द ही उन्होंने प्रदेश में ख़ास जगह बना ली. दिनेश शर्मा जब गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी के संपर्क में आये तो फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नही देखा. आज वो शायद यूपी में बीजेपी की युवा नेताओं की कतार में सबसे आगे खड़े हैं.