देखिए कैसे स्वास्थ विभाग मुर्ख बनाता है सभी को

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गुजरात के दाहोद में हुई डेंगू की पुष्टि, स्वास्थ्य विभाग ने नहीं करवाई जांच ।

झाबुआ live के लिऐ बामनिया से लोकेंद्र चाणोदिया 

 

स्वास्थ्य विभाग की बदहाली देखना है तो चले आईए झाबुआ जिले के गांव बामनिया में। जहां आमजन के स्वास्थ्य के प्रति स्वास्थ्य विभाग कितना बेपरवाह यह हम बताते है अपनी एक जांच करती रिपोर्ट में…

मामला कुछ यूं है कि बामनिया निवासी भेरूदास कैलाश वैरागी 23 सितंबर को दाहोद के एक निजी अस्पताल में उपचार हेतु गया था। जहां उसे जांच में डेंगू होने की पुष्टि कर दी गई थी। वहां उसने कुछ दिनों तक उपचार करवाया और 26 सितंबर को वह बामनिया आ गया। उक्त मामला बामनिया स्वास्थ्य केंद्र सहित जिला स्वास्थ्य अधिकारी तक स्थानीय मीडिया द्वारा संज्ञान में लाया गया।

तब यानि 26 व 27 सितंबर को स्वास्थ्य अधिकारीयों द्वारा दाहोद की जांच को नकारते हुए पुन: एलीमा जांच करने के बाद हम पुष्टि करेंगे की डेंगू है या नहीं साथ ही मरीज के यहां मौके पर पंचनामा बनाया था। किंतु 4 दिन बित जाने के बाद आज तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा उक्त मरीज का ब्लड सैंपल ही नहीं लिया गया।

स्वास्थ्य विभाग कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े करता है। साथ ही डेंगू की जैसी महामारी पर स्वास्थ्य विभाग का लापरवाह रवैया समझ से परे है। स्वास्थ्य विभाग ने तीन दिन पूर्व खबरें आने पर संबंधित के घर जाकर सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर अपने कार्यो की इतिश्री कर ली। आखिरकार स्वास्थ्य विभाग किस आधार पर उक्त मरीज को डेंगू होना या नहीं होना कैसे पुष्टि करेगा।

आखिर क्यों गुमराह कर रहा है स्वास्थ्य विभाग

मरीज के घर मौके पर पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के कर्मीयों द्वारा पंचनामा बनाते वक्त यह कहा गया कि डेंगू होने की पुष्टि हम दाहोद की रिपोर्ट को देखकर से नहीं मानते है। हम फिर से जांच करवाएंगे, उसके बाद ही पुष्टि की जाएंगी। किंतु मरीज की माने तो पंचनामे का बाद से ही आज तक कोई स्वास्थ्यकर्मी वहां पहुंचा ही नहीं। आखिरकार स्वास्थ्य कब जागेगा जब डेंगू अपने पांव पूरी तरह से पसार चुका होगा? इस संबंध में जब जिला स्वास्थ्य अधिकारी अरूण शर्मा से उनके मोबाइल नं. 9425033312 पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।-निप्र

कोई जांच नहीं की

मैं जब से दाहोद डेंगू का इलाज करवाकर आया उसके पश्चात् स्वास्थ्य विभाग से सिर्फ एक बार पंचनामा बनाया गया। इसके अलावा मैरी कोई जांच नहीं की गई।-भेरूदास वैरागी, मरीज

जांच की जरूररत नहीं

हमने मलेरिया अधिकारी से बात की थी। जिसमें उन्होंने बताया कि मरीज को आराम है। उसे किसी जांच की जरूरत नहीं। इसलिए जांच नहीं करवाई गई। -उर्मिला चोयल, बीएमओ, पेटलावद

निर्देश्ा दिए है

डेंगू मरीज की जांच क्यो नहीं की गई। इस हेतु सीएचएमओ और बीएमओं को निर्देश दिए है। की जांच कर रिपोर्ट पेश करे।-डा. अरूणा गुप्ता, कलेक्टर, झाबुआ

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