झाबुआ अलीराजपुर सहित पूरे प्रदेश के सरकारी कर्मचारी आज हड़ताल पर

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झाबुआ/अलीराजपुर, हमारे प्रतिनिधिः 18 फरवरी को झाबुआ और अलीराजपुर जिलों सहित पूरे प्रदेश के दस लाख से अधिक अधिकारी कर्मचारी अपने स्वाभिमान की रक्षा की मांग को लेकर अवकाश पर रहेंगे और पूरे शासकीय कार्यालयों में टोटल शटडाउन किया जाएगा। मंगलवारो को प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी संगठनों की मुख्यमंत्री से इस संबंध में वार्ता विफल रही है और पूरे प्रदेश में टोटल शटडाउन का ऐलान कर दिया गया है।
शासकीय कर्मचारियों से हुई मारपीट के विरोध में मध्यप्रदेश में अधिकारी कर्मचारी संगठनों द्वारा आयोजित टोटल शटडाउन को प्रदेश के मान्यता प्राप्त, गैर मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों, संविदा , दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के अलावा चिकित्सकों के संगठनों ने भी समर्थन दिया है। जहां प्रदेश के दस लाख से अधिक कर्मचारी अधिकारी कामकाज ठप्प रखेंगे वहीं इनके समर्थन में मप्र चिकित्सा अधिकारी संघ द्वारा काली पट्टी बांधकर काम करने का निर्णय लिया गया है।
गुना जिले की राघौगढ़ तहसील में एक सप्ताह पहले एसडीएम रिंकेश वैश्य के साथ स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सांसद की मौजूदगी में मारपीट की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बीते दो-तीन सालों के दौरान इसी तरह की तमाम घटनाएं छोटे-बड़े सभी जिलों में हो चुकी हैं, लेकिन शासन, प्रशासन स्तर पर कोई एक्शन नहीं लिया जा सका। यहां तक की कुछ एक मामलों में आरोपियों के खिलाफ पुलिस थाने में प्रकरण तक कायम नहीं हुए। इसी बात से आक्रोशित सरकारी अमले ने राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले बुधवार को सभी दफ्तरों में हड़ताल करने का निर्णय लिया है। हड़ताल का लगभग एक दर्जन से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी संघों ने समर्थन किया है।
प्रदेश में अभी स्वाइन फ्लू का प्रकोप फैला हुआ है इसलिए चिकित्सकों द्वारा हड़ताल पर जाने के बजाए विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर काम करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश के तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के पांच लाख कर्मचारियों के अलावा दस हज़ार से ज्यादा पटवारी भी टोटल शटडाउन में शामिल रहेंगे।
ये हैं प्रमुख मांगें
अधिकारी व कर्मचारियों के लिए प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो।
घटनाओं में दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
बिना किसी जांच के अधिकारी व कर्मचारियों पर प्रकरण दर्ज न हो।
शासकीय सेवकों के पदोन्नति, क्रमोन्नति, विभागीय जांच, गोपनीय प्रतिवेदन के मामले लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल हो और तत्काल कार्रवाई की जाए।
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