झाबुआ जिले के ग्राम समोई मे दूसरी शताब्दी के अवशेष मिले

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दिपेश प्रजापती @ झाबुआ

भोपाल पुरातत्व विभाग द्वारा कराए जाने वाले ग्राम से ग्राम पुरातत्वीय सर्वेक्षण के तहत समोई मे प्राचीन टीले की सफाई की जा रही थी उस दौरान यहां से दूसरी शताब्दी ईस्वी के अवशेष प्राप्त हुए। यहां से विष्णु भगवान और मां महिषासुर मर्दिनी की खंडित अवस्था में मूर्तियां, पकी हुई ईंटों से निर्मित मंदिर और भवन के खंडित अवस्था में अवशेष मिले हैं।
यह कार्य योगेश पाल पुरातत्ववेत्ता द्वारा किया गया जिसमें डॉ रमेश यादव पुरातत्वीय अधिकारी का निर्देशन रहा । पाल ने बताया विभाग द्वारा कराए जाने वाले ग्राम से ग्राम पुरातत्वीय सर्वेक्षण में यह प्राचीन टीला प्रकाश में आया था । जिसके पश्चात उक्त स्थल का मलवा सफाई कार्य किया गया। उक्त कार्य मे स्थल से ऐतिहासिक काल के प्रमाण प्रकाश में आये है। इस स्थल पर खुदाई में पकी हुई ईंट से निर्मित मंदिर व भवन के भग्नावशेष प्राप्त हुए है। यहाँ पर छः कक्ष प्राप्त हुए है जो ईंट निर्मित है। कक्षो की दीवारों की मोटाई अलग अलग है जिनमे मुख्य कक्ष की दीवार की मोटाई एक मीटर तक है तथा विभिन्न कमरों के आकार भी भिन्न भिन्न है । यहाँ से प्राप्त भग्नावशेषों के भवन की एक दीवार पर ब्राह्मी लिपि का एक लेख भी उत्कीर्ण है साथ ही यहाँ विष्णु एवं महिषासुर मर्दिनी की खंडित अवस्था मे मूर्तियाँ भी प्राप्त हुई है । अध्यन से यह कहा जा सकता है कि उक्त अवशेष दूसरी शताब्दी ईसवी के अनुमानित हैं ।


पाल ने बताया कि प्राचीन काल से ही झाबुआ एवं अलीराजपुर क्षेत्र व्यापारिक मार्ग रहे हैं। सर्वेक्षण में जिले से शैलचित्र, प्राचीन टीले, मंदिर आदि बहुतायात में प्राप्त हुए है। ऐसे में जनजातीय क्षेत्र से उक्त पुरासम्पदा प्राप्त होने का अर्थ है कि यहाँ का समाज भी मुख्यधारा में शामिल रहा होगा । यहाँ उल्लेखनीय बात यह भी है कि समोई में ही जनजातीय समाज का अतिप्राचीन स्थल बाबा देव भी है ओर अधिक अध्यन से बाबा देव एवं प्राचीन बस्ती आदि के बारे में जानकारी निकल कर आना निश्चित है।