शिक्षक गांव-गांव जाकर ग्रामीण अभिभावकों को दे रहे बच्चों को स्कूल भेजने की समझाइश

- Advertisement -

रक्षित मोदी, छकतला
कम साक्षरता वाले जिले के विकास खण्ड सोण्डवा के संकुल केन्द्र छकतला के शिक्षकों ने बच्चों को शाला प्रवेश दिलाने का कार्य सभी शिक्षक मिलकर गांव -गांव के फलियों में जाकर डीजे की धुन नृत्य एवं नुकक्ड़ नाटक एवं रैली में डीजे के माध्यम से पहले बच्चों एवं उनके पालको इकट्ठा करते एवं सभी को एक स्थान पर बैठाकर शिक्षा के महत्व को क्षेत्रीय बोली में समझाते हुए ग्रामीणों बच्चों स्कुल के प्रवेश दिलाने के का कार्य कर रहे है । जिससे हमारे जिले की साक्षरता में वृद्धि हों और बच्चों को गुणवतायुक्त शिक्षण कराया जा सके । 24 जुन से प्रारम्भ हो रहे शिक्षण सत्र की जानकारी देकर सभी पालको को छोटी-छोटी टोलियां बनाकर घर-घर जाकर सम्पर्क कर 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के शाला त्यागी एवं अप्रवेशी बच्चों को प्रवेशी हेतु अव्हान कर रहें है । इस अभियान में शिक्षको के साथ महिला शिक्षकाए भी पिछे नहीं रहीं लगातार तीन दिनों में संकुल छकतला बयड़िया के इन अनोखे शिक्षको ने ग्राम धोरठ , डेटकुण्डा, कंथारी, छकतला, पिपिलियावाट के कई फलिये भ्रमण किया और शिक्षा के महत्व को ग्रामीणों को दी । इस अभियान में छितुसिंह बामनिया , नरेन्द्र कलेश, नारायण अलावा , अशोक वाणी सभी ने अलग -अलग क्षेत्रो में शिक्षा के महत्व को स्थानीया बोली में समझाया।  बामनिया ने लोगो शिक्षा के आवश्यकता को बताते हुए कहा की शिक्षा ही एक ऐसा धन है जिसे कोई चुरा एवं छिन नहीं सकता हमारा सबसे बड़ी पुंजी बच्चो की शिक्षा ही है । अगर पालक पलायन को जाता है तो वहां पर अपने बच्चों को स्कुल भेजे ।  कलेश ने अनाथ बच्चों के बारे में जानकारी दी । और कहा की ऐसी बालिकाए जिनके माता-पिता नहीं उन्हें कस्तुरबा आश्रम में प्रवेश दिलाने को कहा । इस कार्य में संकुल के शिक्षकों में लवीन्द्र चौहान सीएसी ,मोहनसिंह कनेश, राधुसिंह बघेल, हिम्मतसिंह ठकराला , रणछोड़ अवास्या, केशरसिंह चौहान,जबरसिंह बारिया ,चेनसिंह डावर,जेवटा भयड़िया , कालुसिंह चौहान, दशरथसिंह मण्डलोई ,नरेश जोकटिया कमल रावत, पारम रावत  सुशिला चौहान, बिन्दु वाखला, प्रिति ठकराला , दिलिप खुटिया, विकास खुटिया, नसी कनेश, रेलकी तोमर , रेखा मोर्य रीना चंगोड़, जसुमति वाघेला,अरविन्द तोमर, रजानसिंह बामनिया, सेवानसिंह बामिनया ,आलमसिंह बघेल, मुकेश बामनिया , वंतरसिंह बामनिया,ईश्वरसिंह चौहान ,ईश्वरसिंह सौलंकी ,बनेसिंह ठकराला, गोवर्धन कनेश गोरधन कलेश, बाहदुरसिंह डावर ,झमरीया ठकराव, मुन्नी डावर , जसवंतसिंह चौहान, रूखमा चौहान, सिताराम राठोड़ , रमीला तोमर,फुदेसिंह सस्तिया, सुधा ठकराव ,रेलसिंह चंगोड़िया, कमसिंह कलेश ,आदी का महत्पूर्ण सहयोग रहा है ।