शिवराज कैबिनेट मे कौन बनेगा आदिवासी अंचल से मंत्री

- Advertisement -

चंद्रभान सिंह भदौरिया ( लेखक टीवी पत्रकार & राजनीतिक मामलो के टीकाकार है लेख उनकी फैसबुक वाल से लिया गया है

in}bjp2

राजधानी भोपाल से जो खबरे छनकर आ रही है अगर उन्हें सही माने तो केंद्र की मोदी सरकार अगले हफ्ते तो राज्य की शिवराजसिंह चौहान सरकार जून के अंतिम हफ्ते मे अपनी कैबिनेट का विस्तार करने जा रही है । राज्य मंत्रिमंडल की बात करे तो इस बार संभावना है कि पश्चिम मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल धार – झाबुआ – अलीराजपुर से किसी ना किसी को या संभव है दो आदिवासी नेताओ को शिवराजसिंह अपनी कैबिनेट मे जगह दे सकते है । दरअसल पश्चिम मध्यप्रदेश की उपेक्षा शिवराजसिंह ओर बीजेपी को भारी भी पडी है कांतिलाल भूरिया 2014 के लोकसभा चुनाव मे हारकर एक बार फिर से लोकसभा उपचुनाव जीत गये ओर वह भी स्वर्गीय दिलीपसिंह भूरिया की सहानुभूति लहर एंव शिवराज सहित शिवराज कैबिनेट के भागीरथी प्रयासो के बावजूद । रतलाम को छोडकर सभी 7 विधानसभा अलीराजपुर , जोबट , झाबुआ , थादंला , पेटलावद , सैलाना एंव रतलाम ग्रामीण मे शिवराज की भाजपा ओंधे मुंह गिर गयी थी । एक तो कांतिलाल भूरिया के रुप मे कांग्रेस का पुन उदय ओर उसके बाद ” जयस” जैसे संगठन लगातार आम आदिवासियो के बीच बीजेपी को संवैधानिक व्यवस्था ओर आरक्षण को लेकर अभी तक बदनाम करने मे कामयाब हुऐ है ऐसे मे बीजेपी बैकफुट पर है इसलिए अब शायद शिवराज को महसूस हो रहा है कि अंचल को बचाना है तो एक सीनियर विधायक को झाबुआ / अलीराजपुर से लाल बत्ती देनी ही होगी । अब वह सीनियर कोन होगा यह शिवराज के मन की बात है लेकिन आपको दो दावेदारों ओर उनसे जुडे तथ्य बता दे । दरअसल सबसे सीनियर तो निर्मला भूरिया है वे चार बार विधायक रह चुकी है ओर एक बार शिवराज कैबिनेट मे राज्यमंत्री रह चुकी है निर्मला का अच्छा पक्ष यह है कि वे विवादो से दूर रहती है ओर भय की राजनीति से दुर है ओर उच्च शिक्षित होने के साथ साथ मृदुभाषी भी है ओर शिवराजसिंह चौहान को वे लोकसभा उपचुनाव के पहले बता चुकी थी कि वे लोकसभा उपचुनाव ना लडकर शिव कैबिनेट मे आकार काम करना चाहती है मगर उस समय शिवराज ने शायद यह आश्वासन देकर मनाया था कि आप चुनाव लडिऐ हम आपके साथ है अगर आपको हार भी गयी तो आपको कैबिनेट मे हम शामिल करेंगे अब देखना है कि शिवराज ऐसा करते है या नही । दूसरे सशक्त दावेदार अलीराजपुर विधायक नागरसिंह चौहान है जो तीन बार से विधायक है ओर इस लोकसभा उपचुनाव के पहले कांग्रेस को लगातार मात देते आये है वे भी प्रमुख दावेदार है उनका सकारात्मक पक्ष यह है कि सीएम उन्हें एक जननेता के रुप मे लाइक करते है लेकिन कमजोरी यह है कि नागरसिंह क्षेत्रवाद की भावना से महाग्रसित है ओर मंत्री बनने ओर राजनीति मे बडे पदो पर जाने के लिऐ उन्हें सोच बडी करनी ही होगी । क्योकि उनकी क्षमता सिर्फ अलीराजपुर लायक नही है अगर सीएम को लोकसभा 2019 का उम्मीदवार ” नागरसिंह” मे दिखाई देता है तो शिवराज नागरसिंह को अपनी कैबिनेट मे जगह देकर उन्हें रतलाम – झाबुआ का प्रभारी मंत्री बना सकते है ताकी संसदीय क्षेत्र से वह परिचित हो जाये ओर 2019 मे कांतिलाल भूरिया को चुनौती दे सके । निर्मला ओर नागर एक ही नाम राशि के है नंबर एक का जरुर लगेगा क्योकि पडोस की सीनियर विधायक ओर पूर्व मंत्री ” रंजना बघेल” भी दावेदार है परंतु उनके रिश्तेदार जयदीप पटेल की कृपा उन पर ऐसी बरसती दिख रही है कि उनका पत्ता कट सकता है ।