संसार के सार तत्व भगवान शंकर है शिव के बिना यह जीव और जगत शव बन जाएगा

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नानपुर से जितेंद्र वाणी

नानपुर के रामचौक मे चल रही संगीमय महाशिवपुराण कथा के द्वितीय दिवस की  कथा में शिवलिंग के प्राकट्य  के कथा को बताया गया। भगवान नारायण और ब्रह्मा जी के बीच में हुए युद्ध को दूर करने के लिए भगवान शंकर जलते हुए स्तंभ के रूप में प्रकट हुए। बड़ा बनने के लिए ब्रह्मा जी ने असत्य का सहारा लिया जिसके कारण भगवान शंकर ने भैरव बनकर ब्रह्मा जी का पांचवा सिर काट दिया और ब्रह्मा जी को चार सिर वाला बना दिया।

यह बात कथा वाचक पं. श्यामदासजी महाराज धामनोद वालों ने राम चौक में चल रही शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन कही। उन्होंने कहा ब्रह्मा एवं विष्णुजी ने शिवलिंग बनाकर सर्वप्रथम शिव के लिंग पूजा प्रारंभ की। महादेव की पूजा करने से समस्त देवी देवताओं के पूजन का फल प्राप्त हो जाता है क्योंकि बाकी सब देव हैं भगवान शंकर महादेव है। पं. श्यामदासजी ने कहा शिव को स्मरण मात्र से जीव का कल्याण हो जाता है, शिव दयालु है,  ओठर दानी है, उनकी महिमा अपरम्पार है।

 

गुरुवर ने व्यासपीठ से शिव की महिमा का वृत्तांत बताते हुए कहा की संसार के सार तत्व भगवान शंकर है, शिव के बिना यह जीव और जगत शव बन जाएगा। उन्होंने नर्मदा जी को शिव की पुत्री बताते हुए कहा अगर घर मे नर्मदा जी से प्राप्त शिवलिंग की पूजा करते है तो उनके घर बीमारी नहीं लगती है, द्ररिदता प्रवेश नहीं करती है। कथा मे प्रसादी के लाभार्थी रतनलाल गणपत सा वाणी परिवार  रहे। जोरदार बारिश के बाद भी शिव भक्तो का उत्साह कम नहीं हुआ। कथा पांडाल काे पूरी तरह वाटरप्रूफ बनाया गया है। वाटर प्रूफ पांडाल में शिव मय होकर भजनो पर भक्त झूम उठे।