तेरी तस्वीर पर सजदा किया, तेरी याद मे दो अश्क बहाएं, मोहम्मद रफी तुम बहुत याद आये

May

Piyush Chandel alirajpur
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महान पार्श्व गायक मोहम्मद रफी की 39 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर 31 जुलाई को अलीराजपुर के स्थानीय गायक जितेन्द्रसिंह तवर के निवास पर ‘‘मोहम्मद रफी तुम बहुत याद आये‘‘ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ एम.एल.परमार उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवा अलीराजपुर, समाज के वरिष्ठ भेरुसिंह चौहान, सावन्तसिंह तवर तथा अरुण गेहलोत के अतिथ्य में मॉ शारदा व मो. रफी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलन व मार्ल्यापण कर किया गया।
कार्यक्रम में कराओके म्यूजिक पर पुराने सदाबहार नग्मों की शानदार प्रस्तुतिया दी गई। जिसमें मनतड़पत हरि दर्शन को आज-अश्विनी पवार, दिल का सूना साज-जितेन्द तवर, क्या हुआ तेरा वादा-नित्या तवर, कस्मे वादे प्यार वफा-कमलेश वर्मा (उपयंत्री), दिवाना हुआ बादल-विनय जायसवाल (उपयंत्री), तुम बिन जीवन कैसे बीता-विश्वजीतसिंह तवर, तेरी याद दिल से-सावन्तसिंह तवर, कौन है जो सपनो मे आया-भेरुसिंह चौहान, तुझको पुकारे मेरा प्यार-राजेश चन्देल, रिम झीम गिरे सावन-अशोक सोलंकी, रुप तेरा मस्ताना-इन्द्रजीत तवर, प्यार करते है हम-संध्या जितेन्द्र तवर, तुम मुझे-लविन्द्र चौहान आदि ने शानदार प्रस्तुतियां दी। देर रात तक चले इस कार्यक्रम मे श्री परमार ने अपने उद्बोधन मे कहा कि रफी साहब की आवाज मे वो दर्द व कशीश थी, कि एक बार एक कैदी को फॉसी से पहले उसकी अन्तिम इच्छा पुछी गयी तो उसने मोहम्मद रफी साहब द्वारा गाया गीत ‘‘ओ दुनिया के रखवाले‘‘ गीत सुनने की अंतिम इच्छा व्यक्त की। ऐसी थी गायकी रफी साहब की जो हमें आज के शोरगुल वाले संगीत से बेहतर आनंद प्रदान करती है। कार्यक्रम मे मध्य में रफी साहब के जीवन वृन्त से जुड़े तथ्यों पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम के संयोजन मे लवीन्द्रसिंह चौहान, संध्या तवर व नित्या तवर का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन जितेन्द्र तवर ने व आभार विश्वजीतसिंह तवर ने माना।