जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन ने समाज की कुरीतियां दूर करने के लिए बनाए नियम

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अलीराजपुर लाइव के लिए आजाद नगर से विशाल वाणी की रिपोर्ट-
जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन चन्द्रशेखर आजाद नगर द्वारा आदिवासी सम्मेलन का आयोजन मंडी प्रांगण में किया गया। समाज का उत्थान के लिए हमें प्रत्येक गांव को शत-प्रतिशत शिक्षित करना होगा जो व्यक्ति अपने शाला जाने योग्य लडक़ा या लडक़ी को शाला नहीं भेजता है तो समिति द्वारा उस दंड का प्रावधान किया जाएगा। सम्मेलन में आदिवासी समाज में दहेज जो वर पक्ष की तरफ से दिया जाता है जो 3 लाख से 4 लाख के बीच होता है जिसे सभी ग्राम में सरपंच, तडवी, पटेल, चौकी की बैठक रखकर दहेज 51 हजार रुपए व एक किलो चांदी व 1000 रुपए किया जाना तय किया गया। आदिवासी सामाजिक कार्यक्रमों में विदेशी शराब को पूर्ण प्रतिबंधित पूजा स्वरूप महुए की दारू व ताड़ी की धार डाली जाएगी। अगर लडक़ी कही भागकर शादी करती है तो पांच हजार रुपए दंड का प्रावधान किया गया है जब लडक़ी की सगाई की हुई या शादी हो चुकी हो और किसी कुंवारे लडक़े के साथ भागकर शादी करती है तो लडक़ी की जहा पर शादी होने वाली है या हुई थी उस पक्ष की खर्चे का डबल राशि का भुगतान करना होगा और पांच हजार दंड भी देना होगा। विवाह आदि समारोह में डीजे बंद कर पारंपरिक मांदल ढोलकिये का ही प्रयोग किया जाएगा। बारात या अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए वाहनों का उपयोग कम किया जाएगा। आदिवासी समाज की लडक़ी को गैर आदिवासी समाज व्यक्तियों द्वारा छेड़छाड किया जाता है तो समाज द्वारा दंड का प्रावधान किया गया है एवं कानूनी कार्रवाई भी कराई जाएगी। समाज में बारमा कार्यक्रम में बहन बेटियों द्वारा जो बकरे का रिवाज था, उन्हें कम कराना तय किया गया है और भी आदिवासी युवा शक्ति संगठन चन्द्रशेखर आजादनगर के अन्य बिन्दुओ पर विस्तृत चर्चा की गई। कार्यक्रम विशेष अतिथि के रूप में एसपी कार्तिकेयन उपस्थित हुए एवं मुख्य अतिथि के रूप में नगर परिषद चन्द्रशेखर आजाद नगर अध्यक्ष निर्मला डावर उपस्थित मौजूद रही। कार्यक्रम का संचालन केशरसिंह बामनिया द्वारा किया गया एवं शुभारम्भ जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन भाबरा के अध्यक्ष बसंत अजनार द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सज्जनसिंह जमरा, कुलदीप डावर, ठरावसिंह भूरिया, अभिषेक डावर, भरतसिंह हिहोरे, दिलीपसिंह बामनिया, दिनेश मिनमा, संजय कनेश, शंकर बामनिया, धरमसिंह, करण देवल, दीवान भूरिया, नरपत बघेल नाहरसिंह भयडीया, सलामसिंह, भारतसिंह वसुनिया व तडवी-पटेल, पुजारा चौकीदार का सराहनीय योगदान रहा। आभार दिनेश मिनमा द्वारा व्यक्त किया गया।