‘‘जनहितैषी युवक मण्डल’’ को मिला आईएसओ प्रमाणपत्र

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raamrotiआलीराजपुर लाईव के लिये आलीराजपुर से रिजवान खांन की रिपोर्ट।
सामाजिक क्षैत्र में प्रदेश  कि अग्रणी संस्था जनहितैषी युवक मण्डल को
आईएसओ (अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन) सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है। गत माह दिसम्बर में दिल्ली से आई निरीक्षण टीम ने संगठन के विभिन्न कार्याे का 7 दिन आंकलन करने के बाद मण्डल के कामकाज को बेहतर पाया है। इसी के साथ टीम के सदस्यों ने मण्डल की बैठक लेकर यह घोषणा भी कर दी थी कि वे आईएसओ सर्टिफिकेट देने की अनुशंसा कर रहे हैं। जनहितैषी युवक मण्डल ने आईएसओ (अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन) सर्टिफिकेट के लिए अपनी दावेदारी पहले ही कर दी थी। इसी आधार पर दिल्ली से तीन सदस्यीय टीम मण्डल के कामकाज की जांच करने के लिए पहुंची थी। उन्होंने दिसम्बर माह में मण्डल के कार्यक्षैत्र के कुछ जिलो में भ्रमण किया था। मण्डल का कामकाज अंतरराष्ट्रीय स्तर का होने की बात कहते हुए उन्होंने आईएसओ सर्टिफिकेट 9001-2008 क्यूएमएस देने की अनुशंसा कर दी थी। इन बिन्दुओ पर मिला सर्टिफिकेट…..मप्र शासन द्वारा पंजीबद्ध जनहितैषी युवक मण्डल को प्रदेष के कई जिलो में गरीब बैघर लोगो को प्रतिदिन शाम को निःषुल्क भोजन देने, बालिकाओ को आत्मरक्षा हेतु निःषुल्क प्रषिक्षण देने, योजनाओ के प्रचारप्रसार एवं सामाजिक जागरूकता फैलाने, एवं निःषक्त एवं वृद्धजनो की देखरेख करने के विषयो पर आईएसओ (इंटरनेशनल स्टेंडर्ड आर्गनाइजेशन) सर्टिफिकेट दिया गया।
क्या है आईएसओ…..विश्व स्तर पर विभिन्न संस्थाओं के कामकाज की आदर्श परिस्थिति तय की गई है। अगर कोई संस्था उस मापदंड पर खरा उतरता है तो उसे आईएसओ (इंटरनेशनल स्टेंडर्ड आर्गनाइजेशन) सर्टिफिकेट दिया जाता है। हरदेश में इसके लिए अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञ मौजूद हैं जो आईएसओ सर्टिफिकेट का दावा करने वाली संस्थाओं में जाकर निरीक्षण कर अपनी अनुशंसा करते हैं। इसके आधार पर सर्टिफिकेट दिया जाता है। इससे संस्था को प्रत्यक्ष तौर पर कोई फायदा नहीं होता, लेकिन प्रतिष्ठा के लिहाज से इसे बडी उपलब्धी मानी जा रही है।
टीम ने की सरहाना…..दिल्ली से आई टीम ने जनहितैषी युवक मंडल के सभी
कार्या की सराहना तो कि, किन्तु टीम ’’ शामरोटी‘‘ योजना से सबसे ज्यादा
प्रभावित हुई। ज्ञात रहे कि जनहितैषी युवक मण्डल की प्रदेश भर में 5 हजार
कार्यकर्ताओ की फौज टीम पिछले एक वर्ष से बेघर/गरीब लोगो को प्रतिदिन
निःशुल्क शाम के समय भोजन के पैकेट उपलब्ध करा रहा है। वर्तमान में
मध्यप्रदेश के 32 जिलो में लगभग 10000  भोजन पैकेटो का प्रतिदिन निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। चुकि पैकेटो का वितरण शाम को हो रहा है। इसलिए इस कार्यक्रम को ‘‘शाम-रोटी‘‘ का नाम दिया गया।