कमिश्नर दुबे ने इन्दवन और डाबड़ी के स्कूलो का आकस्मिक निरीक्षण किया

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SAMSUNG CAMERA PICTURESअलीराजपुर लाइव के लिए जोबट से पारससिंह की रिपोर्ट-

इन्दौर राजस्व संभाग के आयुक्त संजय दुबे ने जिले की जोबट तहसील के ग्राम इन्दवन और डाबड़ी के विद्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर शेखर वर्मा सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। कक्षा 5वीं के बच्चे हिन्दी नहीं पढ़ पाए। ग्राम इन्दवन की प्राथमिक शाला के निरीक्षण के दौरान कमिश्नर दुबे ने बच्चों से पुस्तक पढ़ने का कहा एक बच्चे ने धीरे-धीरे हिन्दी पढ़कर सुनाई। कमिश्नर ने बच्चे से पढे गए अंश का अर्थ पूछा। बच्चे ने अर्थ बताने में असर्मथता जताई। उन्होने ने बच्चों से 254 मंे से 65 घटाने का कहा लेकिन बच्चे सवाल हल नहीं कर पाए। आयुक्त ने नाराज होते हुए शिक्षकों से कहा कि आप लोगों ने डेढ़ माह में क्या पढ़ाया। कक्षा 5वीं के बच्चे ठीक से हिन्दी नहीं पढ़ पा रहे है। घटाना जोड़ना नहीं आ रहा है। किस बात की तनख्वाह लेते है। उन्होंने बच्चों की स्कूल यूनिफार्म के लिए भी शिक्षकों को फटकार लगाई।
आयुक्त ने स्वयं मध्यान्ह भोजन चखकर गुणवत्ता को परखा
आयुक्त दुबे ने मध्यान्ह भोजन बुलाया और स्वयं मध्यान्ह भोजन चखकर गुणवत्ता परखी। उन्होंने षिक्षकों को फटकार लगाते हुए कहा कि मेनू के हिसाब से बच्चों को मध्यान्ह भोजन क्यांे वितरित नहीं किया जा रहा है। जबकि बच्चों को शनिवार को मेनू के हिसाब से चावल,राजमे की सब्जी भी मिलना चाहिए थी।
नापढ़ाई है,न डेªस, न ही मेनू के अनुसार मध्यान्ह भोजन
आयुक्त ने बीईओ श्रीवास्तव को भी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आप लोग कुर्सियां क्यों नहीं छोड़ते हो। स्कूलों की ऐसी माॅनिटरिंग की जा रही है। ना स्कूलों में पढ़ाई है,ना बच्चों के पास डेªस है और ना ही मेनू के मुताबिक मध्यान्ह भोजन दिया जा रहा है। बगैर प्रभावी नियंत्रण के स्कूलों में ऐसे कैसे सुधार होगा।
शौचालय निर्माण कार्य पर जताई आपत्ति
आयुक्त ने स्कूल में शौचालय निर्माण कार्य को देखा और सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जब निर्देश दिए गए थे कि जिस स्कूल में पूर्व से शौचालय निर्मित है,वहां पर नवीन शौचालय निर्माण नहीं किया जाना था। पूर्व में शौचलय को ही उपयोगी बनाए। उसके बावजूद इस स्कूल में नवीन शौचालय का निर्माण आपतिजनक है।
कक्षा सेक्शन में विभाजित क्यों नहीं की
इसके पश्चात आयुक्त ने शासकीय हाईस्कूल डाबड़ी का आकस्मिक निरीक्षण किया। शाला के निरीक्षण के दौरान कमिश्नर ने कक्षा 9वीं में 65 बच्चों को एक साथ बैठाकर पढ़ाने के कारण घोर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि कक्षा को सेक्शन में विभाजित क्यों नहीं किया गया। जबकि स्कूल में अनेक कमरे रिक्त जिनका उपयोग नहीं किया जा रहा है और ताले लगाकर रख छोड़े है।
अम्लीय वर्षा क्या है?
उन्होंने कक्षा 9 वीं की सामाजिक विज्ञान की शिक्षिका से पूछा कि आपने कौन सा पढ़ा दिया है। शिक्षिका ने मानव और पर्यावरण नामक अध्याय पढ़ाना बताया। आयुक्त दुबे ने विद्यार्थियों से अम्लीय वर्षा, ओजोन परत और शोर नापने की इकाई के बारें में पूछा बच्चे अनुत्तरित रहें। शिक्षिका ने कहा कि बच्चे डर के मारे उत्तर नहीं दे पा रहे है। आयुक्त दुबे ने कहा कि सब बाहर हो जाते है,आप पूछ लो जिससे बच्चे जवाब दे सकें। सभी अधिकारियों बाहर आने के बाद भी बच्चे अनुत्तरित रहे। आयुक्त दुबे ने कक्षा 10वीं का परीक्षा परिणाम पूछा तो बताया गया कि 115 विद्यार्थियों में से मात्र 9 बच्चे उत्तीर्ण हुए है। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षकों द्वारा शिक्षण कार्य में रूचि नहीं ली जा रही है। षिक्षा का इतना निम्न स्तर शर्मनाक है।