सावन के चौथे सोमवार शिवालयों में भीड़ उमड़ी किया आकर्षक श्रृंगार 

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

भूतभावन गौरपति आशुतोष भगवान भोलेनाथ का प्रिय माह श्रावण जो कि इस बार अधिक मास के कारण और अधिक शुभ फलदायी माना जा रहा है में उपासना हेतु शिवभक्त शिवालयों में पूजन अर्चन कर पुण्य प्राप्त करने में जुटे हैं 3 वर्षों के अंतराल में अधिक मास आता है जिसे पहले मलमास कहा जाता था बाद में भगवान विष्णु ने इससे अपना नाम दिया तब से इसे पुरुषोत्तम मास कहा जाने लगा है। 

इस बार पुरुषोत्तम मास श्रावण में पड़ने के कारण इसका महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है क्योंकि पूर्व में श्रावण माह जो कि शिवजी को प्रिय माह रहता रहा है इस बार हरि-हर (विष्णु-शिव) के संयुक्त नाम का अधिक मास के कारण अधिक पुण्य दायी माना जा रहा है एक माह की बजाय इस बार 2 माह तक शिव आराधना का पुण्य लाभ भक्तों को मिल रहा है चार के स्थान पर आठ सावन सोमवार भक्तों की मनोकामना हेतु आने के कारण प्रत्येक शिव आराधक अधिक से अधिक भोले की भक्ति करना चाह रहा है इसी कारण शिवालयों में सुबह से रात तक भक्तों का तांता लग रहा है भागवत भूषण प्रख्यात शिव कथा प्रवक्ता गुरुदेव पंडित श्री प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले की कथा का असर भी क्षेत्र में दिखाई पड़ रहा है सावन मास में उनके आव्हान पर एक लोटा जल की जगह दो लोटा जल बाबा को अर्पित किए जा रहे हैं बिलपत्र आंकफूल, समीपत्र, गुलाब के फूल, काले तिल, चावल तथा गंगा जल, पंचामृत से भोलेनाथ का अभिषेक किया जा रहा है आम्बुआ शिवालय में बाल शिव भक्त मंडल द्वारा भी प्रति शाम प्रदोष काल में भोलेनाथ की महाआरती की जा रही है साथ ही नन्हे शिवभक्त सुबह बाबा का  जल से अभिषेक कर रहे हैं संपूर्ण क्षेत्र शिव भक्ति में लीन हो रहा है।

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