आदिवासी जिले के फंसे मजदूरों की तरफ भाजपा सरकार ध्यान नही दे रही है -कांग्रेस विधायको और जिलाध्यक्ष ने राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सोपा

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पीयूष चन्देल, अलीराजपुर

आलीराजपुर। कोरोना महामारी के बीच आदिवासी बाहुल्य इस जिले से हजारों मजदुर जारी लाकडाउन के कारण विगत एक माह अधिक समय से गुजरात महाराष्ट्र, राजस्थान, सहित अन्य राज्यों के विभिन्न शहरों में फंस गए है। इस मामले को लेकर आज गुरुवार को जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल, जोबट विधायक सुश्री कलावती भुरिया एवं अलीराजपुर विधायक मुकेश पटेल ने कलेक्टोरेट कार्यालय पहुंचकर महामहिम राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर सुरभि गुप्ता को सोप कर उचित कार्यवाही की मांग की है।

जिले के मजदूरों के साथ हो रहा है भेदभाव

कलेक्टर को ज्ञापन देने के बाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल और जोबट विधायक सुश्री भुरिया एवं विधायक पटेल ने मीडिया को बताया कि कोरोना महामारी को लेकर देशभर में लॉक डाउन लगा हुआ है । इस अवधि में अलीराजपुर ओर झाबुआ जिले से हजारों मजदूर अन्य राज्यो में फंस गए है। ये मजदुर वहां पर दिहाडी मजदुरी करते थे, तथा वर्तमान में बेराजगार हो गए है। उक्त मजदुरों के परिवार एवं उनके द्वारा दूरभाष पर अवगत कराया गया है, कि उन्हें वहां खाना व राशन प्राप्त नहीं हो रहा है। बच्चों को लेकर भी वे वहां पर अत्यन्त परेशानी में अपना जीवन यापन कर रहे है उन्हें वहां न खाने को है न वहां उन्हे मूलभूत सुविधा प्राप्त हो रही है, न मेडिकल सुविधा प्राप्त हो रही है। वहां पर उनके भूखे मरने की नोबत आ रही है. ऐसे में उन्हें अपने निवास स्थान पर पहुंचाना अत्यन्त आवश्यक है। मप्र की भाजपा सरकार इस ओर ध्यान नही दे रही है। आदिवासी बाहुल्य जिलों के मजदूरों के साथ प्रदेश सरकार भेदभाव कर रही है। लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे को भोपाल से लेकर दिल्ली तक अपनी बात पहुंचाएंगी। नेताओ ने कहा कि प्रदेश सरकार को उप्र सरकार की तर्ज पर फंसे हुवे मजदूरों को लाने के प्रयास करना चाहिए। जिससे आदिवासी क्षेत्रों के मजदूरों को राहत मिल सके। उन्होंने बताया कि मप्र सहित अन्य राज्य सरकारों द्वारा अपने क्षेत्र के निवासीयों, पढ़ने वाले बच्चों को उनके निवास पर पहुंचाने हेतु पहल की गई एवं उन्हें सकुशल अपने घर भी पहुंचाया गया है। इस कार्य हेतु शासन द्वारा बसों की व्यस्था की गई। जबकि मजदुर 500 कि.मी. पैदल निकल कर रास्तों में आ गये और उन्हे रोक दिया गया। इसी प्रकार जिले की जनपद पंचायतों के माध्यम से पलायन कर गये मजदुरों की जानकारी प्राप्त कर उन्हें अपने गृह निवास तक पहुंचाया जा सकता है। मजदुरों को उनके निवास तक लाने हेतु मप्र सरकार द्वारा किसी प्रकार की पहल नहीं की जा रही है। एक ही राज्य में दो तरह की व्यवस्था हो रही है एक ओर जहां राजस्थान से बच्चों को शासन द्वारा पहल कर बच्चों को लाया जा रहा है वहीं गरीब आदिवासी मजदुरों को अन्य राज्यों में उनके हाल पर छोड दिया गया है, जिससे वहां पर उनके परिवार एवं बच्चों को भूख मरी की हालत में छोड़ दिया गया है। उन्हें वहां न भोजन प्राप्त हो रहा है और न मूलभूत सुविधा प्राप्त हो रही है। वर्तमान में उक्त मजदुरों के निवास पर भी केवल उनके बजुर्ग परिवार के सदस्य ही निवास कर रहे है, जो कि उनका बेसब्री से इन्तजार कर के उनकी चिन्ता में है। ऐसी स्थिति में आपसे अनुरोध है, कि अलीराजपुर जिले के समस्त अजजा वर्ग के.गरीब मजदुरों को उनके गृह निवास तक पहुंचाने हेतु आप मप्र सरकार को निर्देशित करें कि वे उन गरीबों को अपने घर निवास तक पहुंचाने इस हेतु उक्त मजदुरों को लाने के पूर्व उनकी सम्पूर्ण जांच भी कर ली जावे तथा यदि कोई संकमित पाया जाता है तो उन्हे अन्य शासकीय किसी नजदीकी स्थान पर क्वारेंटन किया जावे।