आजाद के बलिदान की वजह से आज हम आजाद है : डॉ. हिंदुस्तानी

0

झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
आज के युग में राष्ट्रवादी की नहीं स्वयंवाद की भावना है, आज लोग अपने बेटों को फौजी-मेजर नहीं बल्कि कंपनियों में मैनेजर बनाते हैं। देश की सेना में बड़े आदमी के बेटे नहीं बल्कि किसानों, गरीबों व आम आदमी के परिवारों के बेटे सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं। आज के युग में अगर आजाद होते तो उनके मां-बाप भी यहीं कहते है कि इन कामों में क्या रखा है कुछ ओर काम कर लो। उक्त विचार प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार जी न्यूज समूह के डॉ.प्रतीक श्रीवास्तव ने अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद बलिदान दिवस मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। ‘पत्रकारिता व राष्ट्रवाद’ विषय पर आपने कहा कि आज की पत्रकारिता विरोध की नहीं सामंजस्य की पत्रकारिता हो गई है, पत्रकारिता आज धंधा बन गई है मिशन नहीं। पूंजी में इजाफा करने वालों की खबर मुख्य पृष्ठ पर लगती है व किसी जवान के शहीद होने की खबर 13वें पृष्ठ पर जाती है। सीमा पर खड़ा सैनिक जानता है कि किसी भी वक्त कोई भी गोली उसके सीने पर लग सकती है फिर वह खड़ा रहता है। आज के जमाने में सुखदेव, भगतसिंह, आजाद पैदा होते तो सरकार उन्हें रासुक में डाल देती। डॉ. श्रीवास्तव ने एक रुपये के अखबार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक रुपया महत्वपूर्ण है उसके सामने में 10 व 100 रुपए के अखबार का महत्व नहीं है। अखबार में समाचार का महत्व होता है जो एक रुपया का अखबार लिखता है। पैसे से पत्रकारिता की तुलना नहीं की जा सकती है, पैसे की बात वैश्या करती है पत्रकार नहीं।

पत्रकारिता व्यवसाय बन गया मिशन नहीं : डॉ. श्रीवास्तव
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार व राष्ट्रीय ब्लॉगर डॉ.प्रकाश हिंदुस्तानी ने कहा कि प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर के अखबार का सारोकार आजाद से नहीं है राष्ट्रीय त्योहार मतलब बड़े अखबारों के विज्ञापन का व्यापार होता है, जबकि छोटे शहरों के पत्रकार बड़ेे होते हैं वे हर चीज पर नजर रखते हैं, शासन-प्रशासन से लेकर जनसमस्या तक पर उनकी नजर होती है। जबकि बड़े अखबार के पत्रकार व्यापार-विज्ञापन व प्रसार के लिए काम करते हैं। उन्होंने कहा कि आज 200 बड़े अखबार बंद हो गए हैं, पांच व 10 रुपए की कीमत वाले अखबार घाटे में चल रहे हैं जबकि एक रुपया वाला छोटा अखबार चलाने वालों को कोई चुनौती नहीं है। उन्होंने कहा कि आजाद की इस जन्मभूमि पर आकर मैं आज धन्य हुआ हूं। आजाद के बलिदान की वजह से ही आज हम आजाद है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार कुन्दन अरोड़ा ने कहा कि पत्रकारों के एक राष्ट्रीय संगठन के स्वयं-भू अध्यक्ष के यह विचार निंदनीय है कि एक रुपया का अखबार सड़ा अखबार कहलता है उसे लोग पढ़ते नहीं फेंक देते हैं। ऐसे घिनौने विचार वाले राष्ट्रीय स्तर के संगठन चलाकर छोटे पत्रकारों का अपमान कर रहे हैं जिस पर अतिथिद्वय प्रकाश डाले। कुन्दन अरोड़ा ने अमर शहीद आजाद की जन्मभूमि से कर्मभूमि के भ्रमण पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर आजाद की जयंती गलत दर्शाई जा रही है जिसमें शासन को हस्तक्षेप कर सुधार करवाना चाहिए। कार्यक्रम के शुभारंभ में वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश भट्ट ने स्वागत भाषण देते हुए थांदला तहसील पत्रकार संघ द्वारा प्रतिवर्ष आजाद बलिदान दिवस पर मानव सेवा-जन सेवा व राष्ट्रीय भक्ति के आयोजनों की सराहना की।
देहदान का बताया महत्व-
वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र कांकरिया ने इस अवसर पर ‘देहदान’ के महत्व की व्याख्या करते हुए प्रकाश डाला व नगर के दो समाजसेवियों द्वारा देहदान के संकल्प पर उन्हें नमन करते हुए सराहना की। ‘देहदान’ के संकल्प लेने वाले समाजसेवी समरथमल तलेरा एवं सेवानिवृत्त शिक्षक व वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता जयेंद्र बैरागी को अतिथियों के हाथों शॉल-श्रीफल व अभिनंदन पत्र से सम्मानित किया। इस समारोह में जिले के उपस्थित सभी पत्रकारों ने पुष्पमाला से दोनों अतिथियों का सम्मान किया। तहसील पत्रकार संघ अध्यक्ष मुकेश अहिरवार ने संगठन द्वारा पांच वर्षों से सतत् किए जा रहे रोग निवारण शिविर, रक्तदान शिविर एवं राष्ट्रीय भक्ति आयोजन के कार्यक्रम पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन समाजसेवी व वरिष्ठ पत्रकार यशवंत भंडारी ने किया तथा आभार जिला पत्रकार संघ अध्यक्ष विमल मूथा ने व्यक्त किया।
‘एक शाम आजाद के नाम’ राष्ट्रभक्ति का हुआ आयोजन-
अमर शहीद आजाद के बलिदान दिवस स्मृति में तीन दिवसीय आयोजन के अंतिम कड़ी में 27 फरवरी की रात 9 बजे आजाद चौक चौराहे पर ‘एक शाम आजाद के नाम’ राष्ट्रभक्ति के गीतों का आयोजन रखा गया। इस आयोजन का शुभारंभ मुख्य अतिथि नगर परिषद उपाध्यक्ष श्रीमती संगीता विश्वास सोनी, एसडीएम सत्यनारायण दर्रो के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित नायब तहसीलदार डीएस गणावा, वरिष्ठ पत्रकारगण ओमप्रकाश भट्ट, सुरेंद्र कांकरिया व बाल कवि बिहारीलाल वैद्य ने आजाद के चित्र पर माल्यार्पण के साथ किया। आयोजन के शुभारंभ के पूर्व स्वागत भाषण देते हुए वरिष्ठ पत्रकार कुन्दन अरोड़ा ने आजाद के जीवन पर तथा आयोजन की प्रेरणा पर प्रकाश डाला। आकाशवाणी व दूरदर्शन के राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार गायक संतोष अग्निहोत्री व गायिका प्रीति राजपुरोहित ने अपने सुमधुर कंठों से राष्ट्रभक्ति गीतों की श्रृंखलाबद्ध प्रस्तुतियां देते हुए देर रात तक समां बांधे रखा। उनकी टीम के अन्य कलाकारों ने संगीत साधनों से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। आयोजन में बड़ी संख्या में नगर के साथ ही आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से श्रोताओं ने भाग लेकर राष्ट्रभक्ति गीतों की इस शाम का आनंद लिया। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार पवन नाहर ने तथा आभार कमलेश जैन ने व्यक्त किया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.