अलीराजपुर सहित “मध्यप्रदेश” मे पेट्रोलियम भंडार होने के मिले प्रारंभिक संकेत

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अलीराजपुर Live के लिए ” फिरोज खान बबलू ” की EXCLUSIVE रिपोर्ट ।

अगर सब कुछ भारत सरकार के ” पेट्रोलियम मंत्रालय ” की योजना ओर अनुमान के अनुसार ठीक रहा तो अगले 5 से 7 सालों के भीतर “मध्यप्रदेश ” के आदिवासी बहुल अलीराजपुर सहित बुंदेलखंड के कुछ इलाकों मे पेट्रोलियम पदार्थों का दोहन शुरू हो सकता है यह बात सामने आई है ” ONGC” द्वारा जियो तकनीक के जरिए करवाये जा रहे 2 -D – सेस्मिक सर्वे से ..इस सर्वे के जो प्रारंभिक संकेत आ रहे है उससे यह संकेत मिले है कि अलीराजपुर जिले की धरती के भीतर पेट्रोलियम & नेचुरल गैस हो सकती है सर्वे करने वाली एजेंसी के यूनिट इंचाज॔ ” विष्णु देसाई” ने अलीराजपुर Live से बातचीत मे कहा कि 2 -d – सेस्मिक सर्वे के नतीजे बेहद उत्साहित करने वाले है हमें अलीराजपुर मे 99% तक संकेत मिले है उनके अनुसार मध्यप्रदेश मे 4 लेन का सर्वे जारी है जो लगभग सभी जिलों को कवर करेगा । उनके अनुसार मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड के जिलों दमोह – पन्ना आदि से भी सकारात्मक संकेत मिले है बाकी जिलों मे अब सर्वे शुरु होगा । विष्णु देसाई कहते है कि 2 – D – सेस्मिक सर्वे के बाद 3 -D सर्वे होगा उसके अंतिम परिणाम मानक स्तर पर आने के बाद दोहन प्रक्रिया शुरु होती है ।

क्या है 2 – D – सेस्मिक सर्वे ?
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ओएनजीसी की ओर से सर्वे एजेन्सी के यूनिट इंचाज॔ विष्णु देसाई 2 – D – सेस्मिक सर्वे के बारे मे बताते हुए कहते है कि 22 – 22 किमी के केबल बिछाई जाती है जिसमें 120 फीट की गहराई की करीब 80 -80 मीटर की दूरी पर बोरिंग कर कुछ विस्फोटक डालें जाते है यह कैंबल एक कंट्रोल रुम ( चलित ) से अटैच होती है जिसमें विशाल तरंगमापी यंत्र पूरे कंप्यूटर सिस्टम साथ लगे होते है । फिर जब इनमें विस्फोट किया जाता है तो पानी की एक तेज धार करीब 80 फीट तक उछलती है ओर यह विस्फोट धरती के भीतर 1000 किमी तक गहराई की संभावना तरंगमापी यंत्र को रिकार्ड कर बताता है कि पेट्रोलियम की संभावना क्या है ! 2 – D – सेस्मिक सर्वे का काम पूरे देश मे अभी 2 साल ओर चलेगा ओर उसके बाद 3 -D सर्वे कहाँ कहाँ किया जाये यह तय किया जायेगा ।

भारत के लिए बेहद जरुरी है घरेलू उत्पादन
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दरअसल भारत सरकार को हर साल करीब 120 अरब डालर का आयात पेट्रोलियम पदार्थों का करना पडता है यह राशि विदेशी करेंसी के रुप मे जाती है पत्रकार चंद्रभानसिंह भदोरिया कहते है देश मे ईंधन की खपत बढ रही है उनके अनुसार सन 1990 मे जहां भारत अपनी आवश्यकताओ का 30% क्रुड आइल आयात करता था अब वह 85% तक आयात कर रहा है । देश की एक बडी राशि क्रुड आइल के आयात मे खर्च हो रही है ओर उससे भी बडा नुकसान देश की विदेश ओर रक्षा नीति पर भी यह आयात असर डालता आया है इसलिए अब भारत सरकार ने अपने ही देश मे पेट्रोलियम पदार्थों के भंडारण की खोज का मन बनाया है ओर ओएनजीसी के जरिए यह सर्वे शुरु हुआ है दरअसल सेटेलाइट से मिले संकेतों के बाद यह प्रकिया शुरु हुई है ।